रामलीला से श्रीराम पड़ा सोनू प्रजापति का नाम

श्री सनातन धर्म प्रचारक नाम नाटक क्लब की ओर से करीब छह दशक से आयोजित की जा रही रामलीला में भगवान राम का रोल सोनू प्रजापति कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 09:54 AM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 09:54 AM (IST)
रामलीला से श्रीराम पड़ा सोनू प्रजापति का नाम
रामलीला से श्रीराम पड़ा सोनू प्रजापति का नाम

राज नरूला, अबोहर : श्री सनातन धर्म प्रचारक नाम नाटक क्लब की ओर से करीब छह दशक से आयोजित की जा रही रामलीला में भगवान राम का रोल सोनू प्रजापति कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इससे पहले वह भरत, शत्रुगण समेत अन्य रोल भी कर चुके हैं। रामलीलाल में श्रीराम का रोल निभाने के कारण जानकार लोग उसे राम के नाम से ही पुकारते हैं।

सोनू प्रजापति पेशे से एक दुकानदार हैं। उन्होंने बताया कि वह श्री सनातन धर्म प्रचारक राम नाटक क्लब से पिछले 28 साल से बचपन के समय से ही जुड़े हुए हैं। उनके चाचा बिल्लु प्रजापति हनुमान जी का मेकअप वर्षो से कर रहे हैं, वह भी उनके साथ चले जाते थे, जिससे वह भी रामलीला के साथ जुड़ गए। बचपन से ही उन्हें रोल करने का शोक पैदा हो गया और वह रामलीला में छोटे बच्चों का रोल किया करते थे। श्रीराम का रोल करने के बाद उन्हें अपना जीवन भी मर्यादा में रहकर जीने की प्रेरणा मिली। इसके लिए उन्हें हर काम पुरी सचेत रह कर ही करना पड़ता है। सोनू ने बताया कि रोल देने से पहले रामलीला के डायरेक्टर व अन्य कमेटी मेंबर भी इस बात की पूरी तहकीकात करते हैं कि रोल करने वाले का चरित्र कैसा है। क्या वह कोई नशा तो नहीं करता या जो रोल कर रहा है उसकी मर्यादा कायम रख पाएगा या नहीं।

सोनू का कहना है कि उन्हें रोल करवाने में डायरेक्टर अशोक गुंबर का मार्गदर्शन व सहयोग मिलता रहा है। बहुत बड़ा योगदान रहता है, वह ही उन्हें तराशते हैं व जीवन को मर्यादा में रहकर जीना सिखाते हैं। उन्होंने बताया कि वह यह रोल पूरी तरह से निशुल्क करते हैं। उनका कहना है कि अब पिछले साल से रामलीला में सीता का रोल महिला द्वारा किया जा रहा है जिसके बाद उन्हें ओर ज्यादा सतर्क रहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि रामलीला से जुड़ने के कारण वह बुराइयों से बचे हुए हैं। वह किसी तरह का कोई नशा नहीं करते न ही ऐसा कोई काम करते हैं जिससे भगवान राम की मर्यादा को कोई ठेस पहुंचे या प्रबंधकों को इस बारे कोई बात सुनने को मिले। 15 तक दिन सोते हैं जमीन पर खाते हैं सात्विक भोजन

सोनू का कहना है कि रामलीला से 15 दिन पहले रिहर्सल शुरू हो जाती है। इन 15 दिनों और रामलीला मंचन के समापन तक वह तो न लहसुन-प्याज रहित सात्विक भोजन ही लेते हैं और 15 दिन तक नीचे जमीन पर ही रात को सोना होता है।

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