फाजिल्का में 178 तक पहुंचा डेंगू के मरीजों का आंकड़ा

भले ही अब कोरोना महामारी का प्रकोप कम हो गया है लेकिन सर्दी का मौसम आते ही डेंगू ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Nov 2021 09:47 PM (IST) Updated:Fri, 05 Nov 2021 09:47 PM (IST)
फाजिल्का में 178 तक पहुंचा डेंगू के मरीजों का आंकड़ा
फाजिल्का में 178 तक पहुंचा डेंगू के मरीजों का आंकड़ा

संवाद सूत्र, फाजिल्का :

भले ही अब कोरोना महामारी का प्रकोप कम हो गया है, लेकिन सर्दी का मौसम आते ही डेंगू ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। जिले में सबसे ज्यादा केस इस समय फाजिल्का और अबोहर तहसील में हैं, जबकि जिले में डेंगू से प्रभावित लोगों की संख्या 178 तक पहुंच गई है। जिसके चलते सेहत विभाग लगातार टीमों को घर-घर भेजकर जांच करवा रहा है। वहीं नगर कौंसिल मुनादी के जरिए लोगों को जागरूक कर रही है।

फाजिल्का जिले की बात करें तो फाजिल्का में अब तक 66, अबोहर में 64 व सीएचसी जलालाबाद में 09 डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं, जबकि सीएचसी डबवाला कलां में 17, सीएचसी खुईखेड़ा में छह, सीएचसी सीतोगुणों में 12 व पीएचसी जंडवाला भीमेशाह में चार डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं। यह आंकड़ा केवल सरकारी अस्पतालों का है, अगर प्राइवेट अस्पतालों की बात करें तो वहां भी काफी मरीज डेंगू से अपना इलाज करवा रहे हैं। भले ही इन 178 लोगों में से केवल कुछ लोग ही अभी प्रभावित हैं। लेकिन लगातार बढ़ रही संख्या सेहत विभाग के लिए सबसे बड़ी चिता का कारण है। सिविल सर्जन फाजिल्का डा. देवेंद्र ढांडा ने डेंगू बारे में जागरूक करते हुए कहा कि बरसात के बाद हमारे घरों की छतों पर टूटे हुए बर्तनों या कबाड़ मे पानी इकट्ठा हो सकता है, जहां पर डेंगू का मच्छर पनप सकता है। जरूरत है इस तरह की सभी जगहों से पानी को निकाल दिया जाए और अगर कूलर, गमलों में भी पानी है, तो उसे भी निकाल दें, ताकि वहां पर डेंगू के मच्छरों को पैदा होने से रोका जा सके।

घर बैठे ना करवाएं इलाज

सिविल सर्जन डा. ढांडा ने कहा कि अगर किसी भी किस्म का बुखार हो तो तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाकर अपना डेंगू और कोविड सैंपल देकर इलाज शुरू करवाए। कभी भी घर बैठकर अपने आप इलाज न करवाए। ये कभी भी घातक हो सकता है। बुखार के लिये सिर्फ पैरासिटामोल ही लें और तरल पदार्थ व पानी ज्यादा पियें। उन्होंने बताया कि सेहत विभाग द्वारा डेंगू और कोविड के टेस्ट बिल्कुल निश्शुल्क किए जाते हैं और उनका इलाज भी निश्शुल्क किया जाता है।

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