डाक्टरों की नहीं सुन रही सरकार, मरीजों का बढ़ रहा दर्द
सरकारी अस्प्ताल के डाक्टरों की पे कमीशन में की गई एनपीए की कटौती के विरोध में हड़ताल जारी
संवाद सहयोगी, अबोहर : सरकारी अस्प्ताल के डाक्टरों की पे कमीशन में की गई एनपीए की कटौती का विरोध में करीब दो सप्ताह से जारी है, जबकि सरकार सब जानते हुए अनजान बनी है। डाक्टरों की हड़ताल के बीच जरूरतमंद को अपना उपचार करवाना मुश्किल हो रहा है।
सरकारी अस्प्ताल में शहर के अलावा आसपास के अनेक गांवों के मरीज आते हैं। एक अनुमान के अनुसार हड़ताल के कारण रोजाना 300 से 400 लोग सरकारी अस्पताल से बिना इलाज करवाए ही लौट रहे हैं। केवल हड़ताल का असर मरीजों पर ही नहीं बल्कि इस कारण अन्य काम जिसमें मेडिकल, डोप टेस्ट, दिव्यांग व आयुष्मान योजना के तहत बनाए जाने वाले हेल्थ कार्ड समेत, बिना इमरजेंसी के होने वाले आपरेशन का काम भी बंद पड़ा है, जिससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं नशा छुड़ाने व दिमागी परेशानी का डाक्टर भी हड़ताल पर होने के कारण उनसे संबंधित मरीजों का हाल बेहाल हो रहा है। ऐसा नहीं है कि सरकार को डाक्टरों की हड़ताल की जानकारी नहीं है यह हड़ताल पंजाब भर में चल रही है, लेकिन इसके बावजूद न तो सरकार डाक्टरों का की बात सुन रही है व न ही आम लोगों को होने वाला दर्द समझ रही है लिहाजा दिन ब दिन मरीजों का मर्ज बढ़ रहा है। डाक्टरों की हड़ताल का मुद्दा अभी तक किसी राजनीतिक पार्टियों ने भी उठाया है व न ही किसी नेता ने अभी तक आकर गरीब मरीजों का दर्द समझा है जिस कारण यह मामला लटकता जा रहा है व इसका कोई हल नहीं निकल पा रहा ।जिसके चलते जहां डॉक्टर अपनी मांग पर अड़े हुए हैं तो वहीं सरकार ने भी यह समझ कर इनको ढीला छोड़ रखा है कि कितने दिन हड़ताल करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री को इस तरफ पहलकदमी करनी चाहिए थी जो चुप्पी साधे बैठे हैं। ।
समाजसेवी संस्था अबोहर विकास मंच, नर सेवा नारायण सेवा समिति, श्री बालीजी समाज सेवा संघ समेत अनेक संस्थाओं ने सरकार से अपील की है कि यह मसला जल्द हल किया जाए ताकि आम लोगों को हो रही परेशानी से निजात मिल सके।
उधर, डाक्टर सनमान मांजी, डा. पुलकित ठठई, गगनदीप सिंह, डा. अमन नागपाल समेत सभी डॉक्टरों का कहना है कि उनकी हड़ताल शांतिपूर्वक ढंग से चल रही है, यही कारण है कि सरकार उनकी बात नहीं सुन रही शायद सरकार चाहती है कि डाक्टर भी सड़कों पर उतरे उसके बाद ही उनकी बात सुनी जाएगी।