शुगर मिल कर्मियों ने सीएम के समक्ष उठाई बकाये की मांग

दी फाजिल्का सहकारी चीनी मिल बोदीवाला पिथा के कर्मचारियों ने अनेक काश्तकारों के साथ मिलकर मंगलवार को फाजिल्का के विधायक दविद्र सिंह घुबाया से मुलाकात की और बकाये की राशि जारी करने की मांग को सीएम के समक्ष उठाए जाने के लिए समय मांगा था जिसके तहत शूगर मिल के कर्मियों ने सीएम के समक्ष अपनी मांग उठाते हुए समस्या का जल्द हल करने की मांग की।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 09:34 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 09:34 PM (IST)
शुगर मिल कर्मियों ने सीएम के समक्ष उठाई बकाये की मांग
शुगर मिल कर्मियों ने सीएम के समक्ष उठाई बकाये की मांग

संवाद सूत्र, खुईखेड़ा (फाजिल्का) : दी फाजिल्का सहकारी चीनी मिल बोदीवाला पिथा के कर्मचारियों ने अनेक काश्तकारों के साथ मिलकर मंगलवार को फाजिल्का के विधायक दविद्र सिंह घुबाया से मुलाकात की और बकाये की राशि जारी करने की मांग को सीएम के समक्ष उठाए जाने के लिए समय मांगा था, जिसके तहत शूगर मिल के कर्मियों ने सीएम के समक्ष अपनी मांग उठाते हुए समस्या का जल्द हल करने की मांग की।

इस मौके शुगर मिल मजदूर यूनियन के पदाधिकारी हेत राम, वेद प्रकाश, प्रिथी राज, लाल चंद व जतिद्र पवार ने बताया कि वह 13 माह से वेतन के बिना कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा मिल के कुछ कर्मचारियों का देहांत हो चुका है और इनके परिजनों को बनता बकाया भी नहीं दिया जा रहा। जनवरी 2020 के बाद रिटायर्ड हुए कर्मचारियों को भी उनकी बनती राशि नहीं दी जा रही है, जिसकी कुल कीमत 15 करोड़ रुपये बनती है। उन्होंने बताया कि वह इस संबंध में डीसी फाजिल्का, प्रबंधक निर्देशक शुगर फैड पंजाब, विभाग के अन्य उच्चाधिकारियों को कई बार ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन उनकी अभी तक कोई सुनवाई नही हुई। सीएम ने आश्वासन दिया कि जल्द ही फाइनांस विभाग की तरफ से यह राशि शुगर मिल को उपलब्ध करवा दी जाएगी।

ठेका कर्मचारियों पर लाठीचार्ज की निदा की संवाद सूत्र, जलालाबाद (फाजिल्का) : भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहा जिला फाजिल्का के प्रधान गुरभेज सिंह रोहीवाला ने सात दिसंबर को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के फाजिल्का आगमन पर पुलिस द्वारा ठेका कर्मचारी संघर्ष मोर्चा पंजाब के अह्वान पर शांति पूर्वक ढंग से अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे ठेका मुलाजिमों पर किए लाठीचार्ज की निदा की। उन्होंने चन्नी सरकार से मांग की है कि इन ठेका मुलजिमों की पिछले कई वर्षों से लटकती मांगों को स्वीकृत करके पक्के तौर पर एडजस्ट किया जाए। अन्यथा आगामी चुनावों में लोग किसी भी वोट पार्टी के झांसे में नहीं आएंगे व अपने हकों की खातिर एकत्रित होकर संघर्ष करते रहेंगे।

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