दुकानदारों ने दिया प्रशासन का साथ, बंद रखी दुकानें

किसानों की ओर से शनिवार को वीकेंड लाकडाउन के दौरान दुकानें खुलवाने का फैसला किया गया था लेकिन व्यापार मंडल की ओर से प्रदर्शन से इन्कार करने व जिला प्रशासन द्वारा सभी दुकानें खोलने को लेकर नए आदेश जारी करने संबंधी सहमति के चलते फाजिल्का में किसानों की ओर से प्रदर्शन नहीं किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 03:28 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 06:05 PM (IST)
दुकानदारों ने दिया प्रशासन का साथ, बंद रखी दुकानें
दुकानदारों ने दिया प्रशासन का साथ, बंद रखी दुकानें

संवाद सूत्र, फाजिल्का : किसानों की ओर से शनिवार को वीकेंड लाकडाउन के दौरान दुकानें खुलवाने का फैसला किया गया था, लेकिन व्यापार मंडल की ओर से प्रदर्शन से इन्कार करने व जिला प्रशासन द्वारा सभी दुकानें खोलने को लेकर नए आदेश जारी करने संबंधी सहमति के चलते फाजिल्का में किसानों की ओर से प्रदर्शन नहीं किया गया। हालांकि प्रदर्शन के मद्देनजर शहर के विभिन्न बाजारों में पुलिस बल तैनात रहा और बिना मास्क और एक वाहन पर तीन लोगों को बैठाने वाले वाहन चालकों से पूछताछ की गई।

व्यापार मंडल के अध्यक्ष अशोक गुलबद्धर ने कहा कि भले ही कोरोना महामारी के चलते व्यापार पर काफी असर पड़ रहा है, जिससे छोटे दुकानदार सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। लेकिन कोरोना महामारी का कहर इस तरह बढ़ रहा है कि रोजाना जिले में मौतों की संख्या बढ़ रही है। इस संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए दुकानदार पहले भी प्रशासन का सहयोग करते आए हैं और आगे करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को कुछ किसान संगठनों ने उनके साथ मुलाकात की थी, जिस पर उन्होंने किसानों का आभार प्रगट करते हुए कहा था कि जिला प्रशासन को दुकानें खोलने को लेकर सुझाव दिए हैं, जिसके बाद देर रात्रि फाजिल्का जिला प्रशासन ने दुकानें खोलने को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी, जिसके चलते किसान संगठनों ने भी प्रशासन की सहमति से प्रदर्शन नहीं किया। उधर शनिवार बाजारों में पूरी तरह से सन्नाटा छाया रहा। कुछ वाहन चालक ही ईधर उधर घूमते दिखाई दिए, जिन्हें भी पुलिस ने पूछताछ के बाद ही आने व जाने दिया।

वहीं भारतीय किसान यूनियन डकोदा के जिला प्रधान हरीश नड्ढा ने कहा कि देर रात्रि जिला प्रशासन ने दुकानें खोलने को लेकर आदेश जारी कर दिया है, जिस कारण फाजिल्का में प्रदर्शन नहीं किया गया। हालांकि मंडी लाधूका में बैठक करके पंजाब सरकार के इस फैसले को लेकर विचार विमर्श किया गया।

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