कर्मो का भुगतना पड़ता है फल : शास्त्री
आलमशाह रोड पर स्थित श्री अवधूत गणेश हरि सत्संग भवन में गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में चल रहे धार्मिक समारोह में शुक्रवार रात भी संकीर्तन व कथा का आयोजन किया गया।
संवाद सूत्र, फाजिल्का : आलमशाह रोड पर स्थित श्री अवधूत गणेश हरि सत्संग भवन में गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में चल रहे धार्मिक समारोह में शुक्रवार रात भी संकीर्तन व कथा का आयोजन किया गया।
इस मौके संत हरिचरण सिंह शास्त्री वेदांताचार्य ने कहा कि मानव को सत्संग यानि सत के संग के साथ जुड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान इस जगत के कण कण में विद्यमान हैं और हमारे सभी अच्छे बुरे कर्मों का साक्षी है। कर्मों का फल हमें हर हाल में भुगतना होगा। इसीलिए सत्कर्म करो, परोपकार और दया का भाव अपनाओ, इससे ईश्वर की कृपा मिलेगी। उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजनों में किए जाने वाले प्रवचनों को जीवन में अपनाने से मानव के सभी तरह के कष्ट दूर होते हैं और ईश्वर को पाने के लिए भटकना नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि हम किसी को कोई भी वस्तु देकर उसे बार बार कहते हैं, कि वह वस्तू मैंने दी। लेकिन भगवान की कृपा ऐसी है कि वह मनुष्य को सबकुछ देकर भी कभी नहीं कहते कि यह मैंने दिया है। उन्होंने कहा कि भगवान के रंग में रंगने वाला मनुष्य इस कलयुग के भंवर से पार हो जाता है। इस मौके सभा के चेयरमैन एलडी शर्मा, सुभाष चंद्र कटारिया, प्रधान बिटू सचदेवा ने कहा कि गुरू पूर्णिमा के उपलक्ष्य में एक माह से रामायण जी के अखंड पाठ किए जा रहे हैं, जिनका भोग 25 जुलाई की सुबह डाला जाएगा। इसके बाद गुरु पूजा की जाएगी। इसके उपरांत कोरोना हिदायतों का पालन करते हुए खुला भंडारा आयोजित किया जाएगा।