सफाई सेवकों ने रोके निगम के टिप्पर व ट्रालियां

नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की ओर से पिछले करीब तीन सप्ताह से की जा रही हड़ताल के बाद भी मांगों को लेकर सुनवाई न होने पर मंगलवार को सफाई सेवकों ने नगर निगम के मुख्य गेट पर धरना लगा दिया व कचरा उठाने वाले निगम के टिप्परों व ट्रालियों को निगम से बाहर नहीं निकलने दिया जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 10:19 PM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 10:19 PM (IST)
सफाई सेवकों ने रोके निगम के टिप्पर व ट्रालियां
सफाई सेवकों ने रोके निगम के टिप्पर व ट्रालियां

संवाद सहयोगी, अबोहर : नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की ओर से पिछले करीब तीन सप्ताह से की जा रही हड़ताल के बाद भी मांगों को लेकर सुनवाई न होने पर मंगलवार को सफाई सेवकों ने नगर निगम के मुख्य गेट पर धरना लगा दिया व कचरा उठाने वाले निगम के टिप्परों व ट्रालियों को निगम से बाहर नहीं निकलने दिया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। सूचना मिलने पर डीएसपी राहुल भारद्वाज मौके पर पहुंचे और मामले को शांत करवाते हुए कुछ टिप्परों को वहां से रवाना करवाया और सफाई कर्मचारियों की समस्याओं को हल करवाने का आश्वासन दिया। इस दौरान किसान मजदूर मुलाजिम तालमेल संघर्ष कमेटी सदस्यों ने सफाई सेवकों को अपना समर्थन दिया।

सफाई सेवक यूनियन के प्रधान सुनील भगानिया ने बताया कि पंजाब यूनियन के आह्वान पर निगम के पांच कर्मचारियों को बहाल करवाने व पिछले कई माह से बकाया वेतन के लिए करीब 26 दिनों से हड़ताल पर हैं लेकिन निगम व प्रशासन ने उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा। उन्होंने कहा कि अगर जल्द उनकी मांगों को पूरा न किया गया तो 15 जून को किसान मजदूर तालमेल संघर्ष कमेटी के सहयोग से नगर निगम का घेराव करेंगे।

सफाई सेवकों का वेतन रोकना निंदनीय संस, अबोहर : शिअद के अबेाहर हलका संगठन प्रभारी राजिद्र दीपा ने कहा कि नगर निगम के सफाई सेवकों की ओर से 26 दिन से की जा रही हड़ताल के बाद भी सफाई सेवकों की मांगों को पंजाब सरकार द्वारा अनदेखा किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और सफाई कर्मियों के वेतन को लटकाना निगम के लिए शर्म की बात है। दीपा ने कहा कि यह वही शहर है जो पहले देश के सबसे गंदे शहरों में शुमार था और अब जब इन सफाई सेवकों ने दिन रात मेहनत कर इसकी आभा को बहाल किया है तो निगम की ओर से इन्हें छह माह का वेतन नहीं दिया गया। शहरी सर्कल प्रधान सुरेश सतीजा ने कहा कि निगम ने शहर के पुराने वाटर वर्कस की करोड़ों की जगह को बेचने के अलावा वहां पर लगे सैकडों पेड़ों तथा इंद्र नगरी में डिस्पोजल के निकट से जो पेड़ बेचकर पैसे कमाएं हैं उन्हीं में से सफाई सेवकों की तनख्वाह जारी की जा सकती है।

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