बीएसएफ का दायरा बढ़ाने पर शिअद ने लगाया जाम

केंद्र सरकार की ओर से बीएसएफ का दायरा 50 किलोमीटर बढ़ाने के विरोध में शिअद नेता डा. महिद्र रिणवां के नेतृत्व में शिअद पदाधिकारियों ने शनिवार को खुइयां सरवर के निकट दोपहर एक से चार बजे तक जाम लगा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 10:02 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 10:02 PM (IST)
बीएसएफ का दायरा बढ़ाने पर शिअद ने लगाया जाम
बीएसएफ का दायरा बढ़ाने पर शिअद ने लगाया जाम

संवाद सहयोगी, अबोहर : केंद्र सरकार की ओर से बीएसएफ का दायरा 50 किलोमीटर बढ़ाने के विरोध में शिअद नेता डा. महिद्र रिणवां के नेतृत्व में शिअद पदाधिकारियों ने शनिवार को खुइयां सरवर के निकट दोपहर एक से चार बजे तक जाम लगा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिससे सड़क के दोनों ओर वाहनों की कतारें लगी रही और वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

इस दौरान डा. रिणवां ने कहा कि गृह मंत्रालय ने पंजाब सहित तीन राज्यों में बीएसएफ का क्षेत्राधिकार बढ़ाया है, जिससे पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बार्डर सीमा क्षेत्र के 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर तक किए जाने को लेकर शिअद ने आपत्ति जताई है। केंद्र के इस निर्णय से पंजाब के 50000 स्क्वेयर किलोमीटर के इलाके में से करीब 25000 स्क्वेयर किलोमीटर केंद्र सरकार को सौंप दिया है। अब बीएसएफ इस इलाके में रहेगी तो पंजाब पुलिस आखिरकार क्या करेगी।

उधर, चक्का जाम होने से इस मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी लंबी कतारों लग गई, जिस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस मौके पर राधेराम जाखड़, गुरलाल सिंह दानेवालिया, विश्वदीप सिंह जाखड़, वरिंद्र ग्रोवर, शैली सेतिया, हरबिदर सिंह हैरी, केवल कंबोज, भूपेंद्र टिक्का, सुखजिदर गिदडांवाली, करनैल सिंह, अनिल हरिपुरा, सोनू कंबोज, सोहन लाल सरपंच, रोशन लाल सरपंच, राजिंद्र पाल प्रधान, रवि जसूजा, हरमीत सिंह, पुनीत, मलकीत सप्पांवाली, जीत सिंह, कंवलजीत सिंह, गोपीराम बागडिया, गुरविदर सिंह रिक्की, संजय विशिष्ट आदि मौजूद थे।

पंजाब पर राज करना चाहती है केंद्र सरकार : रिणवा

महिद्र रिणवा ने कहा कि केंद्र सरकार ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ा आधा पंजाब बीएसएफ के हवाले कर दिया है और बीएसएफ को चेकिग करने और मामले दर्ज करने की भी छूट दे दी है। ऐसा करके केंद्र सरकार पंजाब पर अप्रत्यक्ष रूप से राज करना चाहती है। अकाली दल ने केंद्र सरकार के इस फैसले को इंटरनल इमरजेंसी करार दिया है।

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