गुलाबी सूंडी के हमले की अफवाह, विभाग सतर्क
नरमे की फसल पर गुलाबी सूंडी के हमले की अफवाह ने कृषि विभाग को सर्तक कर दिया जिसके बाद अधिकारियों ने गांवों में जाकर इसकी जांच की।
संवाद सूत्र, फाजिल्का : नरमे की फसल पर गुलाबी सूंडी के हमले की अफवाह ने कृषि विभाग को सर्तक कर दिया, जिसके बाद अधिकारियों ने गांवों में जाकर इसकी जांच की। लेकिन जांच के दौरान यह केवल अफवाह साबित हुई। कृषि अधिकारियों का कहना है कि जिले में किसी गुलाबी सूंडी का हमला नहीं हुआ।
जिला कृषि अधिकारी हरदेव सिंह ने बताया कि जिले में गांवों में लगातार सर्वेक्षण किया जा रहा है। सर्वेक्षण में कृषि विभाग के अलावा पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना के वैज्ञानिक भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के दौरान अभी तक जिला फाजिल्का में कहीं भी गुलाबी सूंडी का हमला देखने को नहीं मिला है। कृषि अधिकारी और काटन के नोडल अधिकारी गुरमीत सिंह चीमा ने कहा कि जिले में नरमे की फसल बहुत अच्छी हालत में है और फिलहाल गुलाबी सूंडी का कोई खतरा नहीं है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वह घबराएं न और हर रोज अपने खेतों का सुबह के समय जांच करते रहें, यदि किसी भी किसान को अपने खेत में गुलाबी सूंडी का हमला दिखाई दे तो तुरंत कृषि विभाग के दफ्तर में संपर्क किया जाए। क्या है गुलाबी सुंडी
गुलाबी सुंडी कपास की खेती में पाया जाने वाला एक कीट है। वयस्क कीट एक छोटा, पतला, धूसर रंग का छब्बेदार पंखों वाला पतंगा होता है। लार्वा एक धुंधले सफेद रंग की आठ जोड़ी पैरों वाली इल्ली होती है, जिसके धड़ पर स्पष्ट गुलाबी रंग की पट्टियां होती है। लार्वा आधा इंच तक लंबा हो सकता है। मादा सुंडी कपास के डेंडू पर अंडे देती है और अंडों से लार्वा निकलने पर, वे डेंडुओं को खाकर उन्हें नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं। वे कपास के रेशे को चबाते हुए बीजों को अपना आहार बनाते हैं। कपास का इस्तेमाल फायबर (रेशे) तथा बीज से तेल, दोनों रूपों में होता है। इसलिए यहां दोहरा नुकसान होता है।