गांवों में बंद पड़े है आरओ प्लांट, लोगों को नहीं मिल रहा पीने को स्वच्छ पानी

ांवों के लोगों को स्वछ पानी उपलब्ध करवाने के लिए सरकार द्वारा कई गांवों में आरओ प्लांट लगाए गए थे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 05:21 PM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 05:21 PM (IST)
गांवों में बंद पड़े है आरओ प्लांट, लोगों को नहीं मिल रहा पीने को स्वच्छ पानी
गांवों में बंद पड़े है आरओ प्लांट, लोगों को नहीं मिल रहा पीने को स्वच्छ पानी

राज नरूला, अबोहर : गांवों के लोगों को स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाने के लिए सरकार द्वारा कई गांवों में आरओ प्लांट लगाए गए थे, लेकिन इन प्लांटों के बंद होने के कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

गांव केराखेड़ा व बहावलबासी के निवासियों ने बताया कि यह आरओ प्लांट पिछले लंबे समय से बंद पड़े हैं। सरकार द्वारा ग्रामीणों को स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से यह प्लांट स्थापित किए गए थे और इसकी संभाल के लिए एक आदमी नियुक्त किया था।

आरओ से पानी की एक कैनी भरने के लिए ग्रामीण को केवल दो रुपये चुकाने होते थे। गांववासियों ने बताया कि 2-2 रुपये एकत्रित करके संभाल के लिए नियुक्त किए आदमी की सैलरी दी जाती थी। लेकिन गांव के कुछ लोगों द्वारा पानी की कैनी भरने के बदले दो रुपये देने बंद कर दिए, जिस कारण यह आरओ प्लांट बंद हो गए। गांव केराखेड़ा के समाजसेवी बोबी संघा ने सरकार से मांग की है कि बंद पड़े आरओ प्लांट को चलाया जाएं, ताकि ग्रामीण लोगों को पीने को स्वच्छ पानी नसीब हो सके।

अबोहर विकास मंच के संरक्षक गगन चुघ ने कहा कि शहरों में आरओ प्लांट वाले अच्छी आय ले रहे हैं तो ऐसे में गांवों में यह प्लांट बेरोजगारों के लिए भी रोजगार का अच्छा साधन बन सकते हैं। नर सेवा नारायण सेवा समिति के प्रधान राजू चराया का कहना है कि बंद पड़े आरओ समाजसेवी संस्थाओं को सौंपकर चलाए जा सकते हैं या फिर बंद पड़े आरओ प्लांट को गांवों के सरकारी स्कूलों में लगवा देना चाहिए ताकि वहां पढ़ने वाले बच्चों को तो पीने को स्वच्छ पानी नसीब हो सके।

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