सत्संग के प्रभाव से कौवा भी कोयल हो जाता है : भाई नरेश

श्री गऊ रक्षिणी सभा फाजिल्का व श्री शिव शंकर नंदीशाला रामपुरा ने गोशाला परिसर में श्रीमद्भागवत कथा शुरू की है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 11:24 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 11:24 PM (IST)
सत्संग के प्रभाव से कौवा भी कोयल हो जाता है : भाई नरेश
सत्संग के प्रभाव से कौवा भी कोयल हो जाता है : भाई नरेश

संवाद सूत्र, फाजिल्का : श्री गऊ रक्षिणी सभा फाजिल्का व श्री शिव शंकर नंदीशाला रामपुरा ने गोशाला परिसर में श्रीमद्भागवत कथा शुरू की है। कथा के दूसरे दिन पूजन का सौभाग्य यजमान के रूप में पहुंचे आढ़तिया एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ओम सेतिया, आढ़ती अमृत गुंबर, आढ़ती सतीश सचदेवा, हैप्पी शर्मा, भूषण मक्कड़ परिवारों को मिला। सभा के अध्यक्ष अशोक गुलबद्धर ने बताया कि अश्विन मास पितृ पक्ष के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का बहुत महत्व है। ये कथा श्रवण करने से जहां इंसान का इहलोक संवरता है, वहीं परलोक निवासी हुए पितृों को भी इस कथा का लाभ मिलता है। दूसरे दिन कथा का पूजन पंडित शुभम स्वामी ने करवाया। भाई नरेश जी ने कहा कि भगवान का भजन धनी होकर करना कठिन है जबकि अभावग्रस्तता व निर्धनता में दीन-हीन बनकर जीव जब भगवान को याद करता है तो भगवान सुदामा की तरह रंक से राजा बना देते हैं और सभी संकटों को समाप्त कर देते हैं। भाई नरेश जी ने कहा कि कलियुग में भगवान न योग से, न तप से न दक्षिणा से न तीर्थ स्नान से, न व्रत नेम से मिलते हैं बल्कि प्रभु का नाम लेने से जीव उसे प्राप्त कर सकता है। भाई नरेश जी ने कहा कि भगवान का सत्संग जीव को मन लगाकर करना चाहिए। सत्संग के प्रभाव से कौवा कोयल हो जाता है। इसके लिए श्री राम चरित्र मानस, श्री गीता जी आदि सदग्रंथों का नित्य पाठन एवं श्रवण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु अपने व्यवहार में भी श्रीमद्भागवत कथा पुराण को लाएं और अपने पुत्र व पुत्रियों के विवाह सादगी पूर्ण, आडंबर रहित, फिजूल खर्ची रहित होने चाहिएं। भाई नरेश जी ने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि कथा सुनकर अपने जीवन में सत्य, सेवा, परोपकार, सहनशीलता, आपसी सदभाव व प्रभु भक्ति जीवन में व्यवहारिक रूप से लाएं। आयोजकों ने बताया कि रोजाना यह कथा तीन बजे से साढ़े छह बजे तक आयोजित होगी और तीन अक्टूबर को कथा का समापन होगा।

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