13 दिन से इलाज व दवा के लिए भटक रहे मरीज
पिछले 13 दिन से हड़ताल का खमियाजा सरकारी अस्पतालों में दूरदराज गांवों से इलाज करवाने के लिए आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
संवाद सूत्र, फाजिल्का : पिछले 13 दिन से हड़ताल का खमियाजा सरकारी अस्पतालों में दूरदराज गांवों से इलाज करवाने के लिए आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। मरीज या तो परेशान होकर वापस जा रहे हैं या फिर प्राइवेट अस्पतालों में महंगे इलाज का सहारा लेने के लिए मजबूर हैं। सरकारी अस्पताल में इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी सेवाएं ठप हैं, जिस कारण 13 दिन से ओपीडी में एक भी पर्ची नहीं कटी, जिसका सीधा नुकसान सरकार को झेलना पड़ रहा है।
हड़ताल कर रहे डाक्टरों का कहना है कि छठे वेतन आयोग में एनपीए में कटौती के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। हड़ताल के दौरान समय-समय पर सेहतमंत्री के साथ बातचीत हुई है, लेकिन अभी तक उनकी समस्या का हल नहीं हुआ। डाक्टरों ने साफ किया कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। उधर, सरकारी अस्पताल में आए सुरेश कुमार ने बताया कि वह अपने बेटे का चेकअप हड्डी रोग विशेषज्ञ से करवाने के लिए आया था, लेकिन यहां आकर पता चला कि ओपीडी भी बंद है और डाक्टर केवल इमरजेंसी केसों को ही देख रहे हैं, जिस कारण वह अपने बेटे को प्राइवेट अस्पताल में लेकर जा रहा है। उधर हड़ताल के कारण ओपीडी की पर्ची नहीं बन रही, जिस कारण पर्ची के बिना कोई टेस्ट भी नहीं किए जा रहे। केवल उन लोगों के टेस्ट किए जा रहे हैं, जो सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं। मरीजों का कहना है कि सरकार जल्द से जल्द इस समस्या का हल निकाले, ताकि लोगों को सरकारी अस्पतालों का लाभ मिल सके।