सुबह सात बजे खुले बाजार, उमड़ी भीड़ ने तोड़े कोरोना नियम

पंजाब सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते कुछ दिन पहले ही गैर जरूरी दुकानों को बंद करने के आदेश जारी किए थे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 09:26 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 09:26 PM (IST)
सुबह सात बजे खुले बाजार, उमड़ी भीड़ ने तोड़े कोरोना नियम
सुबह सात बजे खुले बाजार, उमड़ी भीड़ ने तोड़े कोरोना नियम

मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का : पंजाब सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते कुछ दिन पहले ही गैर जरूरी दुकानों को बंद करने के आदेश जारी किए थे। इसके बाद से ही छोटे दुकानदारों ने रोष जताया था। लेकिन करीब एक सप्ताह बाद सोमवार को एक बार फिर से जिला प्रशासन के आदेशों पर बाजार खुल गए। हालांकि जिला प्रशासन ने सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक की दुकानें खोलने की इजाजत दी थी। इसके चलते सोमवार सुबह सात बजे ही बाजार खुल गए। हालांकि नौ बजे तक कुछ ही लोग बाजारों में नजर आए। लेकिन साढ़े दस बजे के बाद बाजारों में काफी भीड़ बढ़ गई, जिस कारण कई दुकानों पर तो लोगों ने खरीदारी करते हुए कोरोना नियमों तक का ध्यान नहीं रखा। वही बाजारों में भी एक से दो जगह पर लंबे जाम लगते हुए नजर आए। हालांकि 12 बजे दुकानें बंद होनी शुरू हो गई और साढ़े 12 बजे तक बाजार बंद हो गए। लेकिन इसके बाद भी लोगों की आवाजाही चलती रही।

एक दिन पहले ही जिला प्रशासन ने सभी दुकानदारों को दुकानें सोमवार से शुक्रवार तक खोलने की इजाजत दी थी। फाजिल्का में पहले दिन जिस तरह से बाजारों में भीड़ दिखाई दी, उससे कई जगहों पर कोरोना के नियम टूटते नजर आए। 12 बजते ही पुलिस टीमें बाजारों में निकली और आधे घंटे के भीतर ही बाजार पूरी तरह से बंद हो गए। दोपहर दो से रात 10 बजे तक मिले होम डिलीवरी की इजाजत

होटल, ढाबा व रेस्टोरेंट एसोसिएशन फाजिल्का के अध्यक्ष परमजीत शर्मा महंत ने प्रशासन से मांग की कि होटल, ढाबों व रेस्टोरेंट को दोपहर दो से रात 10 बजे तक होम डिलीवरी करने की अनुमति दी जाए। जिला प्रशासन ने होटल, ढाबों, रेस्टोरेंट को सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक होम डिलीवरी की अनुमति दी है। शर्मा ने कहा कि होटल, ढाबों व रेस्टोरेंट का 80 प्रतिशत से अधिक कार्य रात के समय ही होता है। कहा कि गत वर्ष भी लाकडाउन के कारण 3-4 महीने तक उनका काम पूरी तरह से ठप रहा था, जिस कारण उन्हें काफी आर्थिक क्षति सहनी पड़ी थी। प्रत्येक होटल, ढाबे व रेस्टोरेंट में औसतन कम से कम 4 से लेकर एक दर्जन कर्मचारी कार्य करते हैं, जिनका वेतन उन्हें हर हाल में देना पड़ता है।

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