मां का दूध बच्चे के लिए अनमोल वरदान : धामू
सेहत विभाग फाजिल्का की ओर से सिविल सर्जन डा. दविंदर कुमार के दिशानिर्देशों पर मां के दूध की महत्ता संबंधी विशेष जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है जिसके तहत सब सेंटर अमरपुरा सीएचसी सीतो गुणो व जिला फाजिल्का अस्पताल में जागरूकता कैंप लगाया गया
संवाद सूत्र, फाजिल्का : सेहत विभाग फाजिल्का की ओर से सिविल सर्जन डा. दविंदर कुमार के दिशानिर्देशों पर मां के दूध की महत्ता संबंधी विशेष जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसके तहत सब सेंटर अमरपुरा, सीएचसी सीतो गुणो व जिला फाजिल्का अस्पताल में जागरूकता कैंप लगाया गया, जिसमें जिला मास मीडिया अफसर अनिल धामू ने कहा कि मां का दूध अपने आप में बच्चों के लिए संपूर्ण खुराक है। इसलिए सभी की जिम्मेदारी बनती है कि इस मुहिम को घर-घर तक पहुंचाया जाए। बच्चे के जन्म के बाद शहद, डिब्बे वला बंद दूध या पानी नहीं देना चाहिए। बल्कि छह महीने तक केवल मां का दूध ही बच्चे को पिलाना चाहिए। इस मौके इस मुहिम के बारे में लोगों को जागरूक करने की सेहत कर्मियों को शपथ दिलाई गई। इस मौके सीएचओ प्रिया, बलविन्दर कौर एएनएम. रमन व आशा वर्कर उपस्थित थे। मां का दूध बच्चों के लिए अमृत : डा. साहब राम संस, अबोहर : सरकारी अस्पताल के एसएमओ गगनदीप सिंह के निर्देशों पर व डा. साहब राम के मार्गदर्शन में अस्पताल के पीपी यूनिट में विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया गया। इस मौके पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने बच्चों को दूध पिलाने वाली माताओं को स्तनपान के महत्व की जानकारी दी।
इस दौरान एएनएम और आशा वर्करों को डा. साहब राम ने कहा कि मां के दूध में एंटीबाडी होते हैं जो बच्चे को वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। इसके अलावा, जिन शिशुओं को पहले छह महीनों तक बिना किसी ऊपरी आहार या फार्मूले के विशेष रूप से ब्रेस्टफीडिग कराई जाती है, उनमें कान में संक्रमण, श्वसन संबंधी बीमारियां और दस्त के लक्षण कम होते हैं। इसके अलावा, यह अनुमान लगाया गया है कि ब्रेस्टफीडिग से हर साल ब्रेस्ट कैंसर के कारण होने वाली लगभग 20,000 माताओं की मृत्यु को रोका जा सकता है। उन्होंने सभी एएनएम को निर्देश दिए कि वे आशा वर्करों को घर घर जाकर महिलाओं को ब्रेस्ट फीडिग के लिए जागरूक करें।