मिड-डे मील वर्कर 11 से जिला स्तर पर करेंगे संघर्ष

पंजाब सरकार की ओर से कोविड-19 के कारण स्कूलों को बंद कर दिया गया लेकिन मिड-डे मील वर्करों को हर रोज स्कूल बुलाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 03:30 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 03:30 PM (IST)
मिड-डे मील वर्कर 11 से जिला स्तर पर करेंगे संघर्ष
मिड-डे मील वर्कर 11 से जिला स्तर पर करेंगे संघर्ष

संवाद सूत्र, फाजिल्का : पंजाब सरकार की ओर से कोविड-19 के कारण स्कूलों को बंद कर दिया गया, लेकिन मिड-डे मील वर्करों को हर रोज स्कूल बुलाया जा रहा है। मिड डे मील वर्कर इस महामारी में बिना किसी सुरक्षा के बच्चों को राशन बांटने का काम कर रही हैं। लेकिन अब विभाग की ओर से मिड-डे मील वर्करों से खाना बनाने के अलावा योग्यता और काबलियत अनुसार अन्य अतिरिक्त काम लेने का पत्र जारी किया गया है, जिसकी प्रांतीय अध्यक्ष बिमला रानी व जिलाध्यक्ष सरबजीत कौर ने अलोचना की है।

उन्होंने आरोप लगाया कि अब इस पत्र की आड़ में कम वेतन पर काम कर रही मिड डे मील वर्करों का शोषण करने और जबरन अतिरिक्त काम करवाने का रास्ता खोला गया है। मिड डे मील वर्कर पहले ही स्कूलों में बच्चों का खाना बनाने, रसोई की साफ-सफाई, बर्तनों की सफाई, मिड डे मील शैड की सफाई, राशन की सांभ-संभाल का काम कर रही हैं। जत्थेबंदी के नेताओं ने इसका विरोध करते शिक्षामंत्री के नाम एक मांग पत्र जिला शिक्षा अधिकारी फाजिल्का को सौंपते यह पत्र तुरंत रद करने की मांग की। इसके अलावा यूनियन के साथ शिक्षामंत्री की सात जनवरी 2020 को हुई बैठक में अप्रैल 2020 से वेतन 3000 रुपए करने का पत्र जारी न करने का विरोध किया। प्रांतीय अध्यक्ष बिमला रानी ने चेतावनी दी कि यदि मिड डे मील वर्करों की यह मांगें न मानी गई तो 11 से 20 मई तक जिला स्तरीय रोष प्रदर्शन किया जाएगा, जिसके बाद 30 मई को संगरूर में राज्य स्तरीय रोष प्रदर्शन किया जाएगा।

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