महामारी में डेंगू बुखार को न करें नजरअंदाज : डा. परमिदर
राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर सिविल सर्जन फाजिल्का डा. परमिंदर ने लोगों को जागरूक किया।
संवाद सूत्र, फाजिल्का : राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर सिविल सर्जन फाजिल्का डा. परमिंदर ने लोगों को इस महामारी में डेंगू से सावधान रहने के लिए जागरूक करते हुए कहा कि डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है। यह केवल दिन के समय में ही काटता है।
सिविल सर्जन डा. परमिद्र ने बताया कि तेज बुखार, सिर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, चमड़ी पर दाने, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, मसूड़ों और नाक में से खून बहना इसकी आम निशानियां हैं। उन्होंने कहा कि उपरोक्त निशानियां होने पर तुरंत सरकारी अस्पताल जाकर जांच करवानी चाहिए। सभी सरकारी अस्पतालों में टेस्ट और इलाज निश्शुल्क किया जाता है। डेंगू से बचाव की शुरुआत अपने घर से ही होती है। कूलरों, गमलों और फ्रिजों की ट्रे का पनी सप्ताह में एक बार जरूर साफ करें। कपड़े ऐसे पहने जाए जो शरीर को पूरा ढक कर रख सकें। सोते समय मच्छरदानी या मच्छर भगाने वाली क्रीम व तेल का प्रयोग करें। बुखार होने पर केवल पैरासिटामोल ही ली जाए। छतों पर रखी पानी की टंकियों को ढककर रखा जाए। टूटे फूटे बर्तनों व टायर आदि को खुले में न रखा जाए। पानी या तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा किया जाए। डा. परमिन्दर ने बताया कि डेंगू का मच्छर सप्ताह में अंडे से पूरा मच्छर बन जाता है। इसलिए हर शुक्रवार को ड्राई डे के रूप में मनाया जाए व उस दिन घर में ठहरे पानी के स्रोतों को साफ करके सुखाकर रखा जाए। जिला एपीडिमालोजिस्ट डा. अमित गुगलानी ने कहा कि घर बैठकर किसी भी तरह के बुखार का इलाज न किया जाए, बल्कि तुरंत डाक्टरी सहायता ली जाए। जिला मास मीडिया अधिकारी अनिल धामू ने कहा कि आज महामारी के जिस दौर में से गुजर रहे हैं, उसमें छोटी सी गलती भी बहुत बड़ा नुकसान कर सकती है। उन्होंने कहा कि आज जागरूकता हमारा किसी भी बीमारी के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है।