टाहलीवाला बोदला में मलेरिया लैब की शुरुआत

ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए पीएचसी टाहलीवाला बोदला में मलेरिया लैब की शुरुआत की गई है

By JagranEdited By: Publish:Wed, 06 Oct 2021 10:02 PM (IST) Updated:Wed, 06 Oct 2021 10:02 PM (IST)
टाहलीवाला बोदला में मलेरिया लैब की शुरुआत
टाहलीवाला बोदला में मलेरिया लैब की शुरुआत

संवाद सूत्र, फाजिल्का :

ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए पीएचसी टाहलीवाला बोदला में मलेरिया लैब की शुरुआत की गई है, जिसमें साथ लगते 20 गांवों के लोगों को बुखार के टेस्ट करवाने के लिए फाजिल्का व डब्बवाला कलां जाने की जरूरत नहीं है। बल्कि उस दिन ही रिपोर्ट मिल जाएगी, ताकि मरीज समय पर अपना इलाज शुरू करवा सकें।

एसएमओ डा. करमजीत सिंह ने बताया कि लैब शुरू होने से लोगों को तो फायदा होगा बल्कि डब्बवाला कलां के फील्ड स्टाफ को भी सुविधा मिलेगी कि वह भी टाहलीवाला में अपनी रक्त स्लाइड जमा करवा सकते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि उनको ठंड से बुखार हो तो तुरंत लैबोरटरी में अपना रक्त का टेस्ट जरूर करवाए, ताकि मलेरिया और मच्छर के साथ अन्य होने वाली बीमारियों को रोका जा सके। एसएमओ डा. करमजीत सिंह ने बताया कि टाहलीवाला बोदला में जनरल टेस्ट भी होते हैं, जिसका लोग अधिक से अधिक फायदा लें। उन्होंने कहा कि हर महीने की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की जांच मुफ्त की जाती है।

फसलों पर कीटनाशकों का ज्यादा इस्तेमाल खतरनाक संवाद सूत्र, फाजिल्का : सांझा सुनेहरा पंजाब द्वारा फाजिल्का के संजीव पैलेस में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जिले भर के किसानों ने भाग लिया। इस दौरान नासा एग्रो इंडस्ट्री के एमडी संजीव नागपाल, रिटायर्ड कृषि अधिकारी केसी सिंह, सुजी कोहली, कैप्टन विक्रम बाजवा, एयर मार्शल परमजीत सिंह गिल, गुरबीर सिंह संधू, रिटायर्ड सैक्टरी जगरूप संह व मार्केट कमेटी के एडीओ जरनैल सिंह विशेष तौर पर शामिल हुए।

इस मौके वक्ताओं ने किसानों को बताया गया कि फसलों की पैदावार को बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा कीटनाशक दवाओं व खादों का प्रयोग किया जा रहा है, लेकिन आज बढ़ रही पैदावार भविष्य में किसानी के लिए खतरा बन सकती है। ज्यादा कीटनाशक दवाओं के छिड़काव से धरती के ऊपजाऊ कीटों को नुकसान पहुंचता है, जिससे आने वाले समय में पैदावार कम होती जाएगी। इस मौके उद्योगपति संजीव नागपाल ने अपने खेती के तुर्जेबे भी किसानों के साथ सांझे किए। इस दौरान विभिन्न गांवों से आए किसानों ने खेती से संबंधित सवाल रखे, जिनका आयोजकों द्वारा एक-एक करके जवाब दिया गया। साथ ही किसानों खासकर युवा किसानों को इस बात के लिए बल दिया गया कि वह कृषि विशेषज्ञों से नई-नई तकनीकें सीखकर खेती करें, जिससे उनको लाभ मिले। अंत में आयोजकों द्वारा सभी किसानों का पहुंचने पर आभार प्रगट किया गया।

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