सरहदी गांवों में लड़कियों को आत्मनिर्भर बना रही लोक सेवा समिति
फाजिल्का जिला सरहदी क्षेत्र होने के चलते इसे पिछड़ा क्षेत्र माना जाता रहा है।
संस, फाजिल्का : फाजिल्का जिला सरहदी क्षेत्र होने के चलते इसे पिछड़ा क्षेत्र माना जाता रहा है। भले ही अब गांवों में हो रहे विकास के चलते जिले के सरहदी गांवों की तस्वीर बदली है, लेकिन अभी भी कई समस्याएं ऐसी हैं, जिसके चलते युवाओं खासकर युवतियों व महिलाओं को सिलाई कढ़ाई जैसे कार्य को भी सिखने के लिए शहर आना पड़ता हैं। ऐसी युवतियों व महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरहदी लोक सेवा समिति सरहदी गांवों में लगातार सेंटर चलाकर इनको सिलाई कढ़ाई का कार्य सिखाने में जुटी हुई है, जिसके तहत एक साल में तीन बैच लगाकर चार गांवों में कई युवतियों व महिलाओं को कार्य सिखाया जा चुका है, जोकि अब घर में रहकर कार्य करके परिवार का सहयोग करने में जुटी हैं।
संस्था के जिलाध्यक्ष राजेश कसरीजा व उपाध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने बताया कि संस्था का मुख्य उद्देश्य ही सरहदी गांवों में शिक्षा की अलख जगाना और युवतियों व महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें रोजगार के काबिल बनाना है। उन्होंने कहा कि सरहदी गांवों की युवतियां व महिलाएं घर से दूर आने व जाने के चलते सिलाई व कढ़ाई नहीं सीख सकती थी, जिसके चलते संस्था की ओर से जिले में कबूलशाह खुब्बन, बांडीवाला, हीरांवाली व बेगांवाली में सेंटर खोले गए, जिनमें पिछले एक साल में करीब तीन-तीन बैच लगाए गए हैं। हर बैच तीन माह का था, जिसमें एक सेंटर पर लगभग 15 ये 25 युवतियों व महिलाओं को सिलाई कढ़ाई का कार्य सिखाया गया। हीरांवाली सेंटर फिलहाल बंद है, जबकि तीन अन्य सेंटरों पर अभी भी प्रोजेक्ट जारी है। कोरोना महामारी के चलते दो माह तक सेंटर बंद रहे, लेकिन इसके अलावा सेंटर लगातार जारी रहे, जिसके चलते कोरोना के मुश्किल समय में कार्य सिखकर युवतियां व महिलाएं परिवार का सहयोग करने में कामयाब रहीं। उन्होंने बताया कि समिति के साथ जुड़े सदस्य हर समय सेवा के लिए तैयार रहते हैं, जिसके तहत सरहदी गांवों में शिक्षा और रोजगार की अलख जगाने के प्रयास किए जा रहे हैं, जोकि आगे भी जारी रहेंगे।