किसानों के समर्थन में वकीलों ने ठप रखा काम
कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किए जा रहे संघर्ष में वकील भाईचारा भी आ गया है। दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के संघर्ष में समर्थन देते हुए वीरवार को जिला बार एसोसिएशन के प्रधान गुलशन मेहरोक की अगुवाई में वकील भाईचारे ने जहां हड़ताल रखकर कामकाज बंद रखा।
जागरण संवाददाता, फाजिल्का : कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किए जा रहे संघर्ष में वकील भाईचारा भी आ गया है। दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के संघर्ष में समर्थन देते हुए वीरवार को जिला बार एसोसिएशन के प्रधान गुलशन मेहरोक की अगुवाई में वकील भाईचारे ने जहां हड़ताल रखकर कामकाज बंद रखा। वहीं केंद्र सरकार ने इन कानूनों को वापस लेने की मांग भी उठाई।
जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गुलशन मेहरोक ने बताया कि जब से यह कृषि कानून लाए गए हैं, तब से ही किसान सड़कों पर रातें बिताने के लिए मजबूर हो रहे हैं। पहले रेलवे ट्रैक, फिर रेलवे परिसर और अब दिल्ली में संघर्ष करने के लिए जाना पड़ा है। लेकिन केंद्र सरकार अपनी बात पर अड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि उक्त कानूनों से जहां मंडीकरण खत्म हो जाएगा, वहीं कई सालों से चला आ रहा आढ़तियों व किसानों का रिश्ता भी लगभग समाप्त हो जाएगा। वहीं एमएसपी इसमें मुख्य कड़ी है। उन्होंने कहा कि देश का हर वर्ग इन किसानों के साथ जुड़ा है। कोरोना महामारी के समय जब सबकुछ बंद था और देश की अर्थव्यवस्था डगमगाई थी, तब इन किसानों की मेहनत ने अर्थव्यवस्था को बनाए रखा। लेकिन इन कानूनों को लेकर किसान पिछले दो महीनों से सड़कों पर है। उन्होंने ऐलान किया कि किसानों के समर्थन में वकील भाईचारा पूरी तरह से साथ है और तीन दिसंबर को कार्य बंद रखा गया। वहीं चार दिसंबर को भी कार्य ठप रखकर किसानों का समर्थन किया जाएगा। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि किसानों की मुश्किलों को सुना जाए और उसका हल निकाला जाए। उन्होंने कहा कि अगर जल्द हल नहीं निकाला गया तो वकील भाईचारे की बैठक में लिए फैसले अनुसार संघर्ष तेज किया जाएगा। इस मौके वाइस प्रधान गौरव सचदेवा, सचिव श्रेनिक जैन, ज्वाइंट सचिव रमनजीत सिंह सैनी, कोषाध्यक्ष विकास कौशल, स्वतंत्रजोत सिंह गिल, अमर वारवल व अन्य उपस्थित थे।
हड़ताल से कोर्ट में आए लोगों को मिली तारीख
वकीलों की हड़ताल के चलते जिन लोगों को हड़ताल के बारे में नहीं पता था। वह अदालत में सुबह के समय पहुंचे। लेकिन यहां अदालत से अगली तारीख लेकर उन्हें वापस लौटना पड़ा। वहीं वकील भाईचारा हड़ताल के चलते अदालत में नहीं गया। वहीं आज भी हड़ताल रहेगी।