मिर्गी का दौरा पड़ने से नहर में गिरी युवती, मौत

गांव दौलतपुरा में बहन के घर आई युवती की नहर में गिरने से मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 10:25 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 10:25 PM (IST)
मिर्गी का दौरा पड़ने से नहर में गिरी युवती, मौत
मिर्गी का दौरा पड़ने से नहर में गिरी युवती, मौत

संस, अबोहर : गांव दौलतपुरा में बहन के घर आई युवती की नहर में गिरने से मौत हो गई। युवती नहर से पानी भरने गई थी, जहां उसे मिर्गी का दौरा पड़ गया और वह नहर में गिर गई, जिससे उसकी नहर में डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया है।

25 वर्षीय संजू रानी पुत्री बलराम निवासी ढाबा कोकरियां कुछ दिन पहले अपनी बहन के घर गांव दौलतपुरा आई हुई थी। शनिवार को जब वह नहर पर पानी भरने गई तो अचानक उसे मिर्गी का दौरा पड़ गया, जिससे वह नहर में गिर गई और उसकी नहर में डूबने से मौत हो गया। परिजनं उसके शव को सरकारी लेकर पहुंचे जहां उसका पोस्टमार्टम करवाने के बाद खुइयां सरवर पुलिस ने शव को 174 की कारवाई करते हुए परिजनों के सुपुर्द कर दिया। किसी ओर की जगह दे रहे थे ईटीटी का पेपर, काबू संवाद सूत्र, अबोहर/जलालाबाद : जिले में शनिवार को ईटीटी की परीक्षा शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न हुई। लेकिन अबोहर व जलालाबाद के दो सेंटरों पर किसी अन्य विद्यार्थी की जगह पेपर देती एक महिला व एक व्यक्ति को स्टाफ ने पकड़ा। इनमें से महिला को फ्लाइंग टीम ने पकड़ा, जबकि दूसरे को वहां के सुपरिटेंडेंट ने पकड़ा। पुलिस ने उक्त मामले में मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

जलालाबाद थाना सिटी के एएसआइ मक्खन सिंह ने बताया कि ओमप्रकाश सुपरडेट शिवालिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल जलालाबाद ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि वह गांव बग्घे के उताड में ड्यूटी निभा रहा था । कमरा नंबर एक में एक व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की जगह पर शिनाख्त छुपाकर पेपर दे रहा था, जिस पर शक होने पर मनप्रीत सिंह द्वारा चेक किया गया तो वह जाली पेपर देता हुआ पाया गया।

उधर, नगर थाना पुलिस ने सरकारी कन्या सीसे स्कूल के परीक्षा सुपरिंटेंडेंट के बयान पर किसी अन्य जगह पेपर देने वाली छात्राओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

परीक्षा केंद्र के सुपरिटेंडेंट बलजिदर सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि रविवार को ईटीटी कैडर की परीक्षा थी, जिसके लिए अबोहर के सरकारी कन्या सीसे में परीक्षा केंद्र बनाया गया था, जिसमें सुखविदर कौर की जगह कुलविदर कौर के रूप में हुई है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया।

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