किसानों ने फ्लाईओवर पर लगाया जाम
पिछले साल बारिश व सेमनाले के पानी से खराब हुई फसलों के मुआवजे के लिए एक साल से भटक रहे किसानों ने अब संयुक्त किसान मोर्चो की अगुवाई में संघर्ष शुरू कर दिया है
संवाद सूत्र, फाजिल्का : पिछले साल बारिश व सेमनाले के पानी से खराब हुई फसलों के मुआवजे के लिए एक साल से भटक रहे किसानों ने अब संयुक्त किसान मोर्चो की अगुवाई में संघर्ष शुरू कर दिया है, जिसके तहत किसानों ने बुधवार को फाजिल्का-फिरोजपुर हाईवे पर बने फ्लाईओवर पर जाम लगा प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिस कारण देखते ही देखते वाहनों की लंबी कतारें लग गई। इसके बाद ट्रैफिक पुलिस ने रूट डायवर्ट कर वाहनों को निकाला।
इस मौके संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बूटा सिंह, राज कुमार, रमेश वढ़ेरा, उदय सिंह घुड़ियाना, निशान सिंह, लखविद्र सिंह नरिद्र पाल सिंह आदि ने कहा कि पिछले साल हुई बारिश के कारण उनकी नरमे की फसल काफी खराब हो गई। सबसे ज्यादा नुकसान अरनीवाला ब्लाक के आसपास के गांवों को हुआ, जिसके बाद मंत्री, अधिकारी व नेता क्षेत्र का दौरा करने के लिए आए और किसानों को विश्वास दिलाया कि उनकी स्पेशल गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिलवाया जाएगा। लेकिन पिछले एक साल से वह जिला प्रशासनिक कांप्लेक्स में दर-दर जाकर मुआवजे की मांग कर रहे हैं। काफी बार जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपने, धरने देने आदि के बावजूद भी जब उनकी सुनवाई नहीं हुई तो अब धरना शुरू कर दिया गया है। यह धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में भी बारिश के कारण फसलों का काफी नुकसान हुआ है, जिस पर नेता जाकर किसानों को स्पेशल गिरदावरी का आश्वासन दे रहे हैं। लेकिन अफसोस की बात है कि पिछले साल बर्बाद हुई फसल के लिए किसान आज तक संघर्ष करने को मजबूर हैं। मांगों पर अड़े रहे किसान, आश्वासन पर नहीं माने
किसानों के धरने की सूचना मिलते ही फाजिल्का के एसडीएम, तहसीलदार व डीएसपी फाजिल्का मौके पर पहुंचे और किसानों से बात की। लेकिन किसान अपनी मांग को लेकर अड़े रहे, जिसके बाद किसानों ने वहां टेंट लगाकर धरना मांग पूरी होने तक जारी रखने का ऐलान किया।
वाहन चालकों को करना पड़ा 10 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर
फ्लाईओवर बंद होने के कारण जहां वाहन चालकों को शहर के बीच से होते हुए अंडरब्रिज के रास्ते दो किलोमीटर का लंबा सफर तय करके फिरोजपुर रोड पर जाना पड़ा। तो वहीं बड़े वाहनों को मलोट रोड के रास्ते विभिन्न गांवों से होते हुए 10-10 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करके लिक सड़कों के जरिए जाना पड़ा। लिक सड़कों की चौड़ाई कम होने के कारण कई वाहन चालक तो शाम तक धरने की समाप्ति का इंतजार करने के लिए मजबूर हुए।