मौसम खराब होने पर किसानों को सता रही धान की चिंता
फाजिल्का में शनिवार की शाम आसमां में काली घटाएं छाने के साथ एक दम से तेज बरसात भी शुरू हो गई।
संवाद सूत्र, फाजिल्का : फाजिल्का में शनिवार की शाम आसमां में काली घटाएं छाने के साथ एक दम से तेज बरसात भी शुरू हो गई। हालांकि यह बरसात दो से तीन मिनट की होने के कारण फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। लेकिन अभी भी आसमां में बादल छाए हुए हैं, जिस कारण किसान यही कामना कर रहे हैं कि फाजिल्का में बरसात ना हो। क्योंकि एक तो अब फसलें पूरी तरह से पक्कर तैयार हैं और दूसरा मंडी में अगर फसल भीग गई तो किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
फाजिल्का की अनाज मंडियों में अब तक 49261 एमटी धान की आमद हो चुकी है, जिनमें से 48442 एमटी धान की खरीद विभिन्न खरीद एजेंसियों द्वारा कर ली गई है, जबकि अभी भी 8083 एमटी धान की लिफ्टिग होनी बाकी है, जोकि खुले आसमां के नीचे पड़ा हुआ है। वहीं मंडी में दो दिन पहले ही धान लेकर आए किसानों की धान भी अभी बिकी नहीं है। वहीं फाजिल्का की नरमा मंडी में भी कई किसान परेशान नजर आए। किसान सतनाम का कहना था कि भाव तो अच्छा मिल रहा है, लेकिन बार बार ट्रालियां भरने और उतारतने के चलते नरमा काफी सूख रहा था, जिस कारण खरीद नहीं हो पा रही थी, लेकिन अब मौसम में बदलाव के चलते अगर बारिश होती है तो नरमा भीगने से सबसे ज्यादा परेशान मंडी में मौजूद किसानों को होगी।
किसान बोले-हर तरफ से पड़ रही मार मंडी में मौजूद किसान जोगिद्र सिंह ने कहा कि उन्हें तो इस साल हर ओर से मार पड़ी है। पहले बरसात ना होने के कारण फसलों को बढ़ा करने के लिए दिन रात मोटरों के जरिए पानी लगाया। लेकिन जब फसलें बढ़ी हो गई तो तेज आंधी और बरसात ने कई जगह से फसल को धरती पर बीछा दिया। अब जब कई मजदूरों को कार्य पर लगाकर हाथ से कटाई करके वह मंडी में धान लेकर पहुंचा है तो एक दिन खिली धूप के बाद शनिवार शाम को आसमां में बादल छा गए। एक दम से हुई बरसात ने संभलने का मौका नहीं दिया। यह तो अच्छा हुआ कि बरसात नामात्र रही। लेकिन अगर रात को बरसात तेज होती है तो उसे ओर परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।