150 मिनट की साप्ताहिक सैर से मधुमेह रोग से बचा जा सकता है : डा. चुघ

एक सप्ताह में 150 मिनट की शारीरिक क्रियाएं या तेज सैर मधुमेह के रोग से बचाव में लाभदायक हो सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 10:35 PM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 10:35 PM (IST)
150 मिनट की साप्ताहिक सैर से मधुमेह रोग से बचा जा सकता है : डा. चुघ
150 मिनट की साप्ताहिक सैर से मधुमेह रोग से बचा जा सकता है : डा. चुघ

संवाद सूत्र, फाजिल्का : एक सप्ताह में 150 मिनट की शारीरिक क्रियाएं या तेज सैर मधुमेह के रोग से बचाव में लाभदायक हो सकते हैं। यह विचार सिविल अस्पताल के जिला टीबी अधिकारी व गोल्ड मेडलिस्ट एमडी डा. नीलू चुघ ने सोशल वेलफेयर सोसायटी फाजिल्का द्वारा आयोजित 80वें मुफ्त शूगर जांच कैंप में व्यक्त किए। डा. चुघ ने कहा कि जिन व्यक्तियों की भूखे पेट शूगर 126 से अधिक या जिनकी त्रैमासिक औसत एचबीए-1सी शूगर 6.5 प्रतिशत से अधिक है। उन्हें मधूमेह के रोग होने की आशंका बनी रहती है। इसलिए 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को अपने ब्लड शूगर की जांच नियमित रूप से करवाते रहना चाहिए। सोसायटी द्वारा समाजसेवी प्रेम बब्बर, उनकी पत्नी चांद रानी के सहयोग से उनकी माता स्व. कृपा देवी बब्बर की स्मृति में पांचवां शूगर जांच कैंप लगाया गया। यह कैंप सोसायटी के संरक्षक गिरधारी लाल अग्रवाल, अध्यक्ष शशिकांत, महासचिव सर्बजीत सिंह ढिल्लों, वित्त सचिव नरेश मित्तल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुभाष चंद्र कटारिया, बाबू लाल अरोड़ा, अमृत लाल करीर, रवि जुनेजा के नेतृत्व में आयोजित किया गया। सोसायटी के मीडिया सचिव राकेश गिल्होत्रा ने बताया कि भारी बारिश के चलते भी आज इस कैंप में 81 व्यक्तियों की ब्लड शूगर जांच सिटी लैब फाजिल्का के संचालक विकास कटारिया, प्रदीप कुमार व अवि कुमार के सहयोग से की गई। कैंप में लोगों के ब्लड प्रेशर की जांच रिटायर्ड वरिष्ठ फार्मेसी अधिकारी धर्मचंद वर्मा व सुनील सेठी ने की। कैंप में मधुमेह से बचने के उपाय तथा खाने-पीने के परहेज संबंधी ब्राउशर भी वितरित किए गए। कैंप के समापन पर मुख्यातिथि डा. नीलू चुघ व बब्बर परिवार को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कैंप के आयोजन में जिला रेडक्रास सोसायटी के पूर्व सचिव सुभाष अरोड़ा, प्रेस काउंसिल फाजिल्का के अध्यक्ष प्रफुल्ल चंद्र नागपाल, वरिष्ठ आयकर वकील बलदेव धूड़िया, स्टेट बैंक आफ इंडिया फाजिल्का के डिप्टी मैनेजर विजय सिगला, सुशील गुप्ता, अवनीश सचदेवा, नरेन्द्र अग्रवाल, रविदर लूना, मोना कटारिया, मोहन लाल दामड़ी, गौरव सचदेवा, सुरेश गर्ग, संदीप सचदेवा, महेन्द्र त्रिपाठी, आत्मा सिंह सेखों, सतीश आर्य, टेक चंद धूड़िया, जगदीश सरोवा, सुशील शर्मा, ओमप्रकाश फुटेला आदि ने सहयोग दिया।

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