डीसी दफ्तर कर्मियों ने किया कामकाज ठप

पंजाब राज्य जिला डीसी कार्यालय कर्मचारी यूनियन की ओर से फैसला किया गया है कि डीसी कायालयों एसडीएम कार्यलयों तहसीलों और उप तहसीलों में कार्य करते कर्मचारी सात मई तक कार्यालयों का काम नहीं करेंगे। केवल कोरोना के साथ जुड़ी ड्यूटियों को ही करेंगे। अगले एक्शन का ऐलान 7 मई 2021 को किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 09:41 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 09:41 PM (IST)
डीसी दफ्तर कर्मियों ने किया कामकाज ठप
डीसी दफ्तर कर्मियों ने किया कामकाज ठप

संवाद सूत्र, फाजिल्का : पंजाब राज्य जिला डीसी कार्यालय कर्मचारी यूनियन की ओर से फैसला किया गया है कि डीसी कायालयों, एसडीएम कार्यलयों, तहसीलों और उप तहसीलों में कार्य करते कर्मचारी सात मई तक कार्यालयों का काम नहीं करेंगे। केवल कोरोना के साथ जुड़ी ड्यूटियों को ही करेंगे। अगले एक्शन का ऐलान 7 मई 2021 को किया जाएगा। उधर कामकाज ठप होने के चलते रजिस्ट्रियां, जमीनी सौदे, सर्टिफिकेट का कार्य नहीं हो सका।

बता दें कि माल अधिकारियों की एसोसिएशन द्वारा अपनी मांगों के हक में पिछले दिनों कोरोना ड्यूटियों को छोड़कर तीन मई से अनिश्चित समय की हड़ताल के दौरान बाकी काम बंद करने का फैसला लिया था। प्रांतीय प्रधान गुरनाम सिंह विर्क, प्रांतीय महासचिव जोगिंद्र कुमार जीरा व प्रांतीय चेयरमैन ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि डीसी कार्यालय कर्मचारी यूनियन की ओर से पहले ही आठ अप्रैल को माल विभाग और पंजाब सरकार को नोटिस भेजकर बता दिया गया था कि कर्मचारी मांगों को लागू करने से सरकार का रूख बदल जाने के चलते अलग-अलग तरह के 100 दिन संघर्ष कार्यक्रम के तहत विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। लेकिन पंजाब सरकार द्वारा उस आखिरी नोटिस पर भी कोई स्वीकृति नहीं दी गई। इस कारण हड़ताल पर जाने के लिए म•ाबूर होना पड़ा। इस मौके पंजाब सरकार से मांग की गई कि विभाग में पड़ी सीनियर सहायकों, स्टैनोग्राफी, निजी सहायकों, सुपरडैंट ग्रेड-2 व सुपरडैंट ग्रेड-1 की पदोन्नति की जाए, नायब तहसील पदोन्नति कोटा अन्य फील्ड कैटागरियों के बराबर 50 फीसदी दिया जाए, कर्मचारी विरोधी काल कानून वापिस लिए जाए, एसीपी सबंधी सिफारिश की गुप्ता कमिशन की रिपोर्ट व छठे पे कमिशन की रिपोर्ट जल्द लागू की जाए और पुरानी पेंशन स्कीम फिर से बहाल की जाए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगों का हल ना किया तो सात मई की बैठक में कड़े संघर्ष का फैसला लिया जाएगा।

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