अतिक्रमण पर पक्ष स्पष्ट करें निगम कमिशनर: विधायक नारंग
सीतो रोड के नामदेव चौक पर एक भूखंड पर हुए कब्जे व बाद में निगम की ओर से उसे हटाए जाने पर विधायक अरुण नारंग ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए निगम कमिशनर से अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा है।
संस, अबोहर : सीतो रोड के नामदेव चौक पर एक भूखंड पर हुए कब्जे व बाद में निगम की ओर से उसे हटाए जाने पर विधायक अरुण नारंग ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए निगम कमिशनर से अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा है।
विधायक ने निगम कमिशनर को एक पत्र लिखते हुए कहा कि वह शहर की जनता को यह बताएं कि उक्त स्थान पर कब्जा करने वाले लेाग कौन थे और उनके पास इस जगह पर कब्जा करने का कोई कानूनी दस्तावेज था या नहीं। उन्होने कहा कि अगर उक्त कब्जाधारकों की ओर से निगम की जगह पर कब्जा करना गलत था तो निगम ने उनके खिलाफ क्या कारवाई अमल में लाई है। उन्हेंने निगम कमिशनर से सवाल पूछा कि क्या वह भूखंड निगम की मलकीयत थी जिसका कब्जा निगम ने हटवाया है और अगर वह जगह निगम के अंडर आती है तो उसकी पूरी पेमाइश बताई जाए। यह भी बताएं कि क्या उस जगह पर कोई और भी व्यक्ति काबिज है। क्या निगम ने अब उक्त जगह की पूरे तरीके से माल विभाग से निशानदेही करवा ली है। उन्होंने कहा कि अगर शहर में किसी क्षेत्र में कोई गली या नाली पर अवैध रूप से कब्जा करे तो निगम तुरंत उनका कब्जा हटवा देती है लेकिन इतने बड़े भूखंड पर किसी व्यक्ति द्वारा कब्जा करना सवालिया निशान खड़ा करता है। इसके लिए निगम कमिशनर अपना पक्ष स्पष्ट करें।
सरकारी स्कूलों में भी बुलाया जाए 50 फीसद स्टाफ : यूनियन संस, अबोहर : कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर गवर्नमेंट टीचर यूनियन के प्रधान भगवंत भठेजा ने सरकारी स्कूलों में 50 फीसद स्टाफ बुलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सीनियर सेकेंडरी में 60 से लेकर 100 तक का स्टाफ है, जो सभी के सभी स्कूल आ रहे है जिससे कोरोना फैलने का खतरा बना रहता है। इतना ही नहीं गांवों में एक गाड़ी में कई अध्यापक जाने को मजबूर हो रहे हैं। जिले के अनेक सरकारी अध्यापक कोरोना पाजिटिव पा चुके हैं व यहां के सरकारी सीसे स्कूल की एक अध्यापिका की कोरोना संक्रमित से मौत भी हो चुकी है व उसके बाद स्कूल के आधा दर्जन के करीब अध्यापक कोरोना पाजिटिव पाए जा चुके है। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों में दाखिला प्रक्रियां भी लगभग पूरी हो चुकी है व पढ़ाई आनलाइन करवाई जा रही है, जिस कारण अगर स्कूलों में दूसरे राज्यों की तर्ज पर छुटिट्यां भी कर दी जाए तो कोई नुकसान नहीं है। उन्होंने तब तक स्कूलों का समय सुबह 9 बजे से 12 बजे तक करने व पचास फीसदी स्टाफ ही बुलाने की मांग की है।