कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार करवा रही समिति

कोरोना संक्रमण के कारण जहां अपने ही अपनों से न चाहते हुए भी दूर हो रहे हैं तो वहीं इस संकट की घड़ी में नर सेवा नारायण सेवा समिति के सदस्य कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार करवा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 10:15 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 10:15 PM (IST)
कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार करवा रही समिति
कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार करवा रही समिति

राज नरूला, अबोहर : कोरोना संक्रमण के कारण जहां अपने ही अपनों से न चाहते हुए भी दूर हो रहे हैं तो वहीं इस संकट की घड़ी में नर सेवा नारायण सेवा समिति के सदस्य कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार करवा रहे हैं।

समिति के प्रधान राजू चराया कहते हैं कि परिवारिक सदस्यों व रिश्तेदारों की मजबूरी है कि वह चाहते हुए भी अंतिम संस्कार में न तो शामिल हो सकते हैं व न ही सहयोग कर सकते हैं। पिछले साल भी जब इस तरह की स्थिति पैदा हुई थी तो उनके सेवादारों ने मृतकों का अंतिम संस्कार करवाने में दुखी परिवारों की मदद की। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष मृतकों की संख्या काफी बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष जहां कोरोना के कारण पूरे साल में केवल 24 लोगों की मौत ही हुई थी तो वहीं इस बार केवल अप्रैल महीने में ही 29 लोगें की जान जा चुकी है, जबकि मई महीने में रोजाना मृतकों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। उन्होंने बताया कि क्योंकि कोरोना संक्रमण एक दूसरे से फैलता है तो ऐसे में मृतक का अंतिम संस्कार भी बड़ी ही सतर्कता से स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में करवाया जाता है व यहां तक कि मृतक का शव सीधे अस्पताल से शमशान घाट लाया जाता है। ऐसे में मृतक के दो चार ही परिवारिक सदस्य मौजूद रहते हैं, जिनके लिए अंतिम संस्कार करवाने में काफी मुश्किल आती है। उन्होंने बताया कि हिदु रीति रिवाज के अनुसार मृतक के शव को चार लोगों द्वारा उठाया जाता है तो ऐसे में वह दो परिवारिक सदस्यों को व दो समिति के सदस्य को शामिल करते हैं जिन्हें स्वास्थ्य विभाग पीपी किट उपलब्ध करवाता है। राजू चराया ने बताया कि कई बार तो परिवारिक सदस्य इतने सदमे में होते हैं व घबराए होते हैं कि वह सबकुछ उनको ही करने का आग्रह करते हैं जैसे लकड़ी व हवन सामग्री का इंतजाम इत्यादि जो वह भी कर देते हैं।

कई बार एक ही परिवारिक सदस्य हिम्मत जुटा पाता है तो बाकी तीन लोग समिति के सदस्य सहयोग करते हैं। उन्होंने बताया कि इस काम में दस सदस्यों की टीम बनाई गई है व मौके पर जो सदस्य उपलब्ध होता है उसे बुला लिया जाता है जो अंतिम संस्कार करवाने में सहयोग करता है। उन्होंने बताया कि इस टीम में रवि, सोनू ग्रोवर, सुमित फुटेला, संदीप सेतिय, बिट्टू नरूला, मोनू ग्रोवर व साहब राम आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इसमें हेल्थ वर्कर जगदीश व टहल सिंह का भी सहयोग रहता है।

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कोरोना वारियर्स तो दूर वैकसीन तक नहीं लगवाई सदस्यों को विभाग ने

राजू चराया ने बताया कि लगभग एक साल से वह कोरोना से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार करवा रहे हैं। लेकिन उन्हें आजतक कोरोना वारियर्स का दर्जा नहीं दिया गया और न ही उन्हें कोरोना वारियर्स के तौर पर वैक्सीनेशन दी गई है। इसके अलावा उन्हें प्रशासन द्वारा कोई सुविधा नहीं दी जाती है। सदस्यों का भी स्वास्थ्य बीमा होना चाहिए ताकि भविष्य में उनका परिवार को सुविधा मिले।

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लावारिस शवों का भी करवाते है अंतिम संस्कार

नर सेवा नारायण समिति की ओर से नहरों में मिलने वाले शवों को बाहर निकलवावर अस्पताल तक पहुंचाने की जिम्मेवारी भी निभाई जा रही है व लावारिस शवों का अंतिम संस्कार भी करवाया जाता है। इतना ही नही साल में दो बार लावारिस शवों के अंतिम संस्कार करवाने के बाद अस्थियां को हरिद्वार भी परवाह करती है।

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