किसानों की समस्याएं को दूर करना चुनौती व लक्ष्य: वंदना कंबोज
जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी वंदना कंबोज एक बेबाक अधिकारी हैं।
अशोक शर्मा, फिरोजपुर: जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी वंदना कंबोज एक बेबाक अधिकारी हैं। फिरोजपुर में नई नियुक्ति के साथ ही उन्होंने मंडियों में हो रही धान की खरीद पर निगरानी शुरू कर दी। बीएएमएस करने के बाद वंदना ने पंजाब सिविल सर्विसस की शिक्षा ली और जिले के अधिकारी का पद संभाला। उनका कहना है कि किसानों की समस्याएं दूर करना है उनके लिए मुख्य चुनौती व लक्ष्य है। दैनिक जागरण के सप्ताह के साक्षात्कार के दौरान उनके कुछ अनुभवों पर हुई बातचीत के अंश। सवाल- जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी फिरोजपुर का पद संभालते ही सबसे पहली चुनौती क्या लगी?
जवाब-जब पद संभाला तो धान की खरीद शुरू हो गई थी। इससे पहले जिले की मंडियों की तरफ ध्यान देना जरूरी था। किसानों को मंडियों में कोई परेशानी न आए सबसे बड़ी चुनौती थी। अब धान की खरीद ठीक चल रही है और किसानों को भुगतान भी हो रहा है। सवाल- सुना जा रहा है कि किसानों को धान की फसल का भुगतान कुछ देरी से हो रहा है?
जवाब: कई किसान अधिक नमी वाली धान मंडियों में ला रहे हैं। जिस कारण फसल की क्वालिटी ठीक करने में तीन दिन का समय लग जाता है। नमी वाली धान का भुगतान तीन बाद किया जाता है। इसके अलावा किसानों के लिए मंडियों में उचित प्रबंध किए गए हैं।
सवाल- बतौर जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी आपका क्या लक्ष्य है और परेशानिया क्या हैं?
जवाब- धान के सीजन में किसानों की तसल्ली, जिले में खाद्य पदाथरें की सार्वजनिक वितरण प्रणाली दुरुस्त रखना, अपने काम के प्रति निष्ठा, समाज की सेवा और लोगों को विभाग की कुशल सेवाएं देना लक्ष्य है। सवाल- बीएएमएस करने के बाद डाक्टर बनी तो पंजाब सिविल सर्विसस में आने के बारे में कैसे विचार आया ?
जवाब- पिता जी ने मार्ग दर्शन किया। बीएएमएस कुरुक्षेत्र में करने के बाद साल 2014 में पंजाब सिविल सर्विसस की परीक्षा पास की और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में फाजिल्का, श्री मुक्तसर साहिब अब फिरोजपुर में सेवाएं देने का अवसर मिला है। सवाल-महिला होने के नाते विभाग का काम और परिवार की जिम्मेदारियों में तालमेल कैसे बिठाती हैं?
जवाब - महिला होने के नाते ये चेलेंज तो है क्योंकि परिवार की जिम्मेदारी और नौकरी का कर्तव्य पूरा करते हुए समाज का निर्वाह मुश्किल होता है लेकिन असंभव भी नहीं। लगन और जिम्मेदारी की भावना से ही सब ठीक हो जाता है।