ग्रामीण क्षेत्रों की बसें बंद, लोग प्राइवेट व्हीकल पर आने जाने को मजबूर
कोरोना वायरस के चलते हर कार्य प्रभावित हो रहा है।
मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का : कोरोना वायरस के चलते हर कार्य प्रभावित हो रहा है। भले ही शहरी क्षेत्र में कार्य शुरू हो गए हैं और ग्रामीण क्षेत्र में भी दुकानें खुलने लगी हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कई गतिविधियां चलने के बावजूद अभी बसों की सर्विस शुरू नहीं हुई। जिस कारण लोग अपने प्राइवेट व्हीकल पर जाने के लिए मजबूर हैं। फाजिल्का के विभिन्न रूटों पर 30 के करीब बसें चलती हैं। लेकिन कोरोना वायरस के चलते पहले तो डेढ़ माह तक बसें बंद रही। अब शहरी इलाकों में तो बसें चलनी शुरू हो गई, लेकिन अभी ग्रामीण क्षेत्रों में बसें नहीं चलनी शुरू हुई।
फाजिल्का से ग्रामीण क्षेत्रों में चलनी वाली दो बसें रोड़ांवाली व दीवानखेड़ा काफी समय से बंद हैं। जिस कारण इन गांवों व इनके आसपास के लोग अपने वाहनों पर आने के लिए मजबूर हैं। गांव दीवानखेड़ा के रहने वाले संदीप कुमार ने बताया कि उसका कार्य फाजिल्का में है। जिस कारण वह पहले तो बसों के जरिए शहर में आ जाता था। लेकिन पिछले काफी समय से बसें न चलने के कारण उसे मोटरसाइकिल पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सबसे परेशानी की बात यह है कि तेल की कीमत लगातार बढ़ रही है, जिस कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पांच रूटों पर चल रही 15 बसें
एक माह तक बंद रहने के बाद शुरू हुई बसों की सर्विस की गति अभी भी धीमी है। फाजिल्का में 30 बसों में से 15 बसें फिरोजपुर, मलोट, अबोहर, मोहाली व जालंधर रूट पर चल रही हैं। जबकि 15 बसें अभी भी बस स्टैंड के भीतर खड़ी हैं। बस कंडक्टर को दिए थर्मल स्कैनर
बस डिपो द्वारा पहले बसें फाजिल्का से सीधी फिरोजपुर जा रही थी, बीच के कई गांवों के लोगों को बसों की सर्विस न मिलने के चलते परेशान होना पड़ रहा था। लेकिन अब 15 बसों के चालकों को थर्मल स्कैनर दे दिया गया है। जिसके चलते मुख्य स्टेशन घुबाया, जलालाबाद, गोलू के मौड़, लक्खेवाली आदि स्टेशनों से चढ़ने वाली सवारियों की पहले स्कैनिग की जा रही और फिर बसों में बैठाया जा रहा है।