रक्त की कमी से खाली होने लगा ब्लड बैंक
अबोहर के एकमात्र ब्लड बैंक में रक्त की कमी होने लगी है जबकि कुछ ग्रुप बिल्कुल खत्म हो चुके हैं। लिहाजा हालात ऐसे हैं कि रक्त की जरूरत पड़ने पर लोगों को डोनर अब साथ लाना पड़ता है।
राज नरूला, अबोहर : अबोहर के एकमात्र ब्लड बैंक में रक्त की कमी होने लगी है, जबकि कुछ ग्रुप बिल्कुल खत्म हो चुके हैं। लिहाजा हालात ऐसे हैं कि रक्त की जरूरत पड़ने पर लोगों को डोनर अब साथ लाना पड़ता है।
अबोहर तहसील में एक ही ब्लड बैंक सरकारी अस्पताल में स्थापित है, जहां से सरकारी अस्पताल में दाखिल मरीजों के अलावा प्राइवेट अस्पताल में दाखिल या जरूरत पड़ने पर मरीजों को रक्त दिया जाता है। रक्त की कमी का कारण पहले कोरोना के कारण कैंप न लगने व अब वैक्सीन लगवा लेने के बाद लोगों का रक्तदान करने के लिए आगे कम आना माना जा रहा है। वैक्सीन लगवाने के करीब 20 दिन बाद रक्तदान किया जा सकता है।
अस्पताल के ब्लड बैंक कर्मी का कहना है कि रोजाना 20 से 25 यूनिट रक्त जारी होता है, लेकिन अगर रक्त आएगा ही नहीं तो जारी कैसे होगा। उन्होंने कहा कि शहर की समाजसेवी संस्थाएं व रक्तदानी सहयोग करते हैं, जिससे उनका काम चल रहा है। ब्लड बैंक में 200 से अधिक यूनिट रक्त स्टोर किया जा सकता है, जबकि मौजूदा समय में करीब 40 से 45 यूनिट रक्त बचा है। उन्होंने बताया कि शनिवार को ही तीन चार मरीज एबी पाजिटिव रक्त लेने पहुंचे हैं जिन्हें समाजसेवी संस्थाओं की मदद से रक्त उपलब्ध करवाया गया है। ब्लड बैंक में हर माह कम से कम 60 यूनिट ब्लड की जरूरत रहती है। सेहत कर्मियों की हड़ताल से नहीं लग पा रहे कैंप
ब्लड बैंक के स्टाफ ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मियों की हड़ताल के चलते कैंप का आयोजन करना संभव नहीं है । उन्होंने शहर की समाजसेवी संस्थाओं को सरकारी अस्पताल में रक्तदान शिविर आयोजित करने की अपील की है। समाजसेवी संस्थाएं भेज रहीं डोनर
श्री बाला जी मानव सेवा समिति के रक्तदान प्रोजेक्ट इंचार्ज अंकुश छाबड़ा ने बताया कि वह रोजाना चार से पांच रक्तदानी सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्तदान करने के लिए भेज रहे हैं। इसके अलावा इस महीने में दो कैंप भी लगवा चुके हैं। इसके अलावा मानव सेवा समिति के प्रधान सुभाष मानव ने बताया कि उनके पास भी रोजाना जरूरतमंदों के फोन आते हैं व उनके रक्त उपलब्ध करवाने का वह अपनी तरफ से पूरा प्रयास करते हैं। ब्लड बैंक में बचा स्टाक
एबी पाजिटिव-निल
बी पाजिटिव- दो यूनिट
ओ पाजिटिव-15 कोट्स
कोरोना काल में ब्लड बैंक में रक्त की कमी रहने लगी है जिस का कारण है कि डोनर वैक्सीन लगवाने के बाद करीब एक महीने तक रक्तदान नहीं कर पाता। समाजसेवी संस्थाओं का सहयोग रहता है जिससे कभी किसी को बिना रक्त के लिए नहीं जाना पड़ता।
डा. गगनदीप सिंह, एसएमओ
सरकारी अस्पताल, अबोहर