आशा वर्करों ने किया कार्यो का बायकाट
जहां एक ओर सरकार द्वारा कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए कोरोना सैंपलिग एवं वैक्सीनेशन बढ़ाने के निर्देश दिए जा रहे हैं वहीं एनएचएम वर्करों की हड़ताल से कोरोना वैक्सीनेशन व सैंपलिग का काम बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
संवाद सहयोगी, अबोहर : जहां एक ओर सरकार द्वारा कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए कोरोना सैंपलिग एवं वैक्सीनेशन बढ़ाने के निर्देश दिए जा रहे हैं, वहीं एनएचएम वर्करों की हड़ताल से कोरोना वैक्सीनेशन व सैंपलिग का काम बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। सरकारी अस्पताल में चल रहे धरने के दौरान शुक्रवार को ब्लाक खुईखेड़ा व सीतो गुन्नो के कर्मचारी भी शामिल हुए।
अस्पताल में प्रत्येक शुक्रवार को पीपी यूनिट में बच्चों व महिलाओं का टीकाकरण किया जाता है, लेकिन हड़ताल के कारण टीकाकरण भी नहीं हो सका। इसके अलावा अस्पताल व सीएचसी, पीएचसी और सब सेंटरों में जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, कोरोना का डोर टू डोर टीकाकरण व बच्चों के टीकाकरण का काम बुरी तरह से प्रभावित हुआ। धरने के दौरान स्वास्थ्य कर्मी विपन कुमार, राज सिंह, राजेश कुमार, प्रवीण रानी ने बताया कि पंजाब सरकार उन्हें संघर्ष को तेज करने के लिए मजबूर कर रही है। सरकार द्वारा उनकी मांग को अनदेखा किए जाने के विरोध में स्वास्थ्य सेवओं को पूर्ण रूप से ठप किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अस्पताल के पैरामेडीकल स्टाफ व अन्य पक्के कर्मचारियों ने उन्हें आश्वसत किया है कि अगर सरकार ने उनकी मांगें न मानी तो वे भी उनका धरने में पूरा समर्थन करेंगें। उन्होंने सात दिसंबर को फाजिल्का आ रहे सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के घेराव की चेतावनी भी दी है। आशा वर्कर यूनियन की प्रधान नीलम रानी, अंजू रानी, बलकरण कौर, वीरपाल व संतोष ने बताया कि यूनियन के प्रांतीय सदस्यों ने उन्हें निर्देश दिए हैं कि अस्पताल की आशा वर्कर्ज कोरोना सैंपलिग, वैक्सीनेशन, डेंगू सर्वें के अलावा गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी व अन्य कार्यों को बंद करें। उन्होंने सभी आशा वर्करों से अपील की है कि जो भी आशा वर्कर अस्पताल का काम करती दिखाई दी उसे जुर्माने सहित यूनियन स्तर पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।