अबोहर के सरकारी कालेज में दाखिला शुरू
आखिर दशकों के बाद क्षेत्र के युवाओं का सपना पूरा हो गया है। अबोहर में सरकारी कालेज के लिए दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
संस, अबोहर : आखिर दशकों के बाद क्षेत्र के युवाओं का सपना पूरा हो गया है। अबोहर में सरकारी कालेज के लिए दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गई है। रासा के प्रांतीय अध्यक्ष श्याम लाल अरोड़ा ने बताया कि सरकार ने दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। अभी मात्र बीए व बीकॉम के छात्रों का ही दाखिला होगा और जल्द ही अनेकों कोर्स कालेज में लाए जाएंगे। अरोड़ा ने बताया एडमिशन करवाने के लिए छात्र पंजाब सरकार की वेबसाइट द्धह्लह्लश्चह्य://ड्डस्त्रद्वद्बह्यह्यद्बश्रठ्ठ.श्चह्वठ्ठद्भड्डढ्ड.द्दश्र1.द्बठ्ठ अथवा डा प्रदीप सिंह के मोबाइल नम्बर 9463233972 पर संपर्क कर सकते हैं। अबोहर में सरकारी कालेज इस सत्र अगस्त से प्रारंभ होने जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सरकारी कालेज का ट्रैंसिट कैंपस सरकारी सीसे स्कूल में बनाया गया है, जहां कक्षाएं शुरू हो जाएगी । वहीं नगर कांग्रेस प्रभारी संदीप जाखड़ ने बताया कि अबोहर क्षेत्र में पहले कोई भी सरकारी कालेज न होने के कारण अबोहर, बल्लुआना इलाके के छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। लोगों की लंबे समय से चली आ रही इस मांग को कैप्टन सरकार द्वारा पूरा किया जा रहा है। गौरतलब है कि अबोहर में सरकारी कालेज खोलने मांग वर्षो पुरानी है। विधानसभा चुनावों में सुनील जाखड़ ने सरकारी कॉलेज बनवाने का वादा किया था। सरकारी कालेज की इमारत बनाने का काम युद्ध स्तर पर नहरी कालोनी के साथ जारी है लेकिन अभी इमारत बनने में कुछ महीने का समय लग सकता है, जिसको देखते हुए एक बार कालेज को अस्थाई रूप से यहां के सरकारी सीसे स्कूल में शुरू किया जा रहा है। संदीप जाखड़ ने बताया कि लड़के व लड़कियों दोनों के लिए यह कालेज होगा व फिलहाल सरकारी सीसे स्कूल के ट्रांजिस्ट कैंपस में शुरूआती दौर में कुछ चुनिदा कोर्स शुरू किए जा रहे हैं व उसके बाद कालेज की इमारत तैयार हो जाने पर सभी कोर्सेस शुरू किए जाएंगे। गरीब परिवारों के छात्रों को होगा फायदा
अबोहर में सात प्राइवेट कालेज चलाए जा रहे हैं, जिनकी फीस ज्यादा होने से गरीब परिवारों के बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते थे। सरकारी कालेज न होने का सबसे बड़ा नुकसान गरीब वर्ग के बच्चों को हो रहा था। एक अनुमान के अनुसार अबोहर में तीस से चालीस फीसद बच्चे बारहवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते थे ।