अबोहर के युवक की ब्लैक फंगस से मौत

कोरोना के बाद अबोहर में ब्लैक फंगस ने भी दस्तक दी है। शहर के कहने वाले एक 28 वर्षीय युवक की ब्लैक फंगस के कारण चंडीगढ़ के पीजीआइ में इलाज दौरान मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 05 Jun 2021 10:41 PM (IST) Updated:Sat, 05 Jun 2021 10:41 PM (IST)
अबोहर के युवक की ब्लैक फंगस से मौत
अबोहर के युवक की ब्लैक फंगस से मौत

संस, अबोहर : कोरोना के बाद अबोहर में ब्लैक फंगस ने भी दस्तक दी है। शहर के कहने वाले एक 28 वर्षीय युवक की ब्लैक फंगस के कारण चंडीगढ़ के पीजीआइ में इलाज दौरान मौत हो गई। अबोहर में ब्लैक फंगस का यह पहला मामला है। मृतक की किडनी की बीमारी से भी पीड़ित था।

नई आबादी में रहने वाले 28 वर्षीय मनीष कुमार का कुछ समय कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया था, जबकि वह पिछले चार साल से किडनी रोग से पीडित था व उसका डायलिसिस होता रहता था। कुछ समय से उसका इलाज चंडीगढ पीजीआई में चल रहा था, जहां उसमें ब्लैक फंगस होने का पता चला, जहां शुक्रवार रात को उसकी मौत हो गई। मनीष की शादी चार साल पहले ही हुई थी व उसके कोई संतान नहीं थी। शनिवार दोपहर नर सेवा नारायण सेवा समिति सदस्यों व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। सरकारी अस्पताल के एसएमओ डा. गगनदीप सिह कि मृतक युवक के परिवार के कोरोना सैंपल करवाने के लिए टीमों को निर्देश दे दिए गए हैं। परिवार की जो रिपोर्ट आएगी उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

फिरोजपुर में नहीं ब्लैक फंगस का इलाज, न जांच की व्यवस्था जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : फिरोजपुर जिले में ब्लैक फंगस के कितने मरीज हैं सेहत विभाग के पास कोई डाटा नहीं। फिरोजपुर जिले में अभी उन आठ मरीजों की जानकारी मिली है जो बाहर इलाज कराने गए। ब्लैक फंगस से शुरुआती दौर में टेस्ट की सुविधा जिले में नहीं है। हालाकि सेहत विभाग ने नोडल आफिसर नियुक्त कर प्राइवेट अस्पतालों को ब्लैक फंगस के मरीज मिलने पर जानकारी देने को कहा है। ब्लैक फंगस के मरीजों में आखों की लाली, सूजन और नाक में कालापन की शिकायतें मिल रही है। फिरोजपुर सरकारी अस्पतालों में ब्लैक फंगस के मरीजों की पहचान के लिए स्पेशलिस्ट नहीं।

ब्लैक फंगस के जिले में आठ मरीज हो गए हैं, जबकि बठिंडा के आदेश अस्पताल और मोहाली से फोíटस अस्पताल से दो मरीज ठीक हुए हैं। दो मरीज फोíटस मोहाली, एक डीएमसी लुधियाना और दो मरीज बठिंडा के आदेश अस्पताल में इलाज करवा रहे है। इसके अलावा ममदोट ब्लाक के गाव करीकला में ब्लैक फंगस के कारण एक मरीज की मौत हो चुकी है ।

जिले में करोड़ों की लागत से पीजीआइ की सेटेलाइट सेंटर बनाने का दावे तो हो रहे है लेकिन ब्लैक फंगस के इलाज के लिए स्पेशलिस्ट तैयार नहीं किए जा रहे। सिविल अस्पताल में आई स्पेशलिस्ट, न्यूरो सर्जन नहीं, जबकि ईएनटी का एक ही डाक्टर काम कर रहा है। जीरा से आई स्पेशलिस्ट चार दिन आता है सरकारी अस्पताल : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन राजिंदर राज ने कहा आई स्पेशलिस्ट जीरा में है, जिसकी तीन दिन ड्यूटी सिविल अस्पताल फिरोजपुर लगाई गई है। ब्लैक फंगस का पता लगाने के लिए क्लीनिकल सुविधा फिलहाल नही है। आई स्पेशलिस्ट के जिले में स्वीकृत हैं दो पद

जिले की आबादी 15 लाख से अधिक है और सिविल अस्पताल में एक ही ईएनटी स्पेशलिस्ट है। आबादी के मुताबिक जिले में कम से कम चार ईएनटी स्पेशलिस्ट और चार ही आई स्पेशलिस्ट चाहिए। फिरोजपुर सिविल अस्पताल में दो पद आई स्पेशलिस्ट के स्वीकृत हैं।

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