5233 बच्चों को पिलाई पोलियोरोधी दवा

तीन दिवसीय पल्स पोलियो अभियान के पहले दिन रविवार को जिले के 5233 बच्चों को पोलियोरोधी बूंदें पिलाई गई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 09:51 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 09:51 PM (IST)
5233 बच्चों को पिलाई पोलियोरोधी दवा
5233 बच्चों को पिलाई पोलियोरोधी दवा

संवाद सूत्र, फाजिल्का : तीन दिवसीय पल्स पोलियो अभियान के पहले दिन रविवार को जिले के 5233 बच्चों को पोलियोरोधी बूंदें पिलाई गई। सिविल सर्जन डा. देवेंद्र ढांडा ने बताया कि जिला फाजिल्का में प्रवासी बच्चों की कुल जनसंख्या लगभग 10310 है, जिसके लिए 34 रेगुलर टीमें और 37 मोबाइल टीमें लगाई गई है। इन टीमों की सुपरविजन के लिए 13 सुपरवाइजर लगाए गए हैं, जोकि सुनिश्चित करेंगे कि जिले में कोई भी प्रवासी बच्चा पोलियो बूंदों के बिना न रहे।

टीमें जिले की सभी ढाणियों, खेतों, फैक्ट्रियों, सड़कों, कंस्ट्रक्शन साइट्स, ईंटें बनाने वाली फैक्ट्रियों में जाकर बच्चों को पोलियोरोधी बूंदे पिलाएंगी। बेशक जिले में कोई पोलियो का कोई केस नहीं है। लेकिन बाहर से कोई भी केस आकर यहां बच्चों को संक्रमित न कर सके। इसके लिए सभी बच्चों को पोलियोरोधी बूंदें पिलाना आवश्यक है। इस मौके जिला मास मीडिया अधिकारी अनिल धामू ने सभी फैक्ट्रियों, कारखानों व जिनके भी घरों या खेतों में प्रवासी मजदूर रह रहे हैं उनके मालिकों को अपील करते कहा कि अगर उनके यहां कोई भी प्रवासी बच्चा है और उसको पोलियो बूंदे नहीं पिलाई गई या किसी कारण रह गया तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या सिविल अस्पताल से जरूर संपर्क करें। उन्होंने बताया कि जो भी बच्चे रह गए हैं, उन्हें सोमवार व मंगलवार को बूंदें पिलाई जाएगी।

13 टीमों ने एक हजार बच्चों को पिलाई पोलियरोधी दवा संस, अबोहर : स्वास्थ्य विभाग की ओर से पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की बीमारी से बचाने के लिए माइग्रेटरी पल्स पोलिया अभियान की शुरूआत रविवार से की गई। अभियान के नोडल अधिकारी साहब राम व पीपी यूनिट इंचार्ज लक्ष्मी रानी ने बताया कि शहर के स्लम बस्ती इलाकों में झुग्गी झोपड़ी बनाकर रहने वालों तथा ईंट भट्टों पर रहने वाले मजदूरों के बच्चों को पालियो रोधी दवा पिलाई जानी है।

इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की 13 टीमें बनाई गई हैं। इस अभियान के तहत करीब 2400 बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने सभी लोगो से अपील की है कि जब भी स्वास्थ्य कर्मचारी आपके घर दवा पिलाने आएं तो अपने पांच वर्ष तक के बच्चों को यह दवा जरूर पिलाएं। पहले दिन करीब एक हजार के बच्चों को दवा पिलाई गई।

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