फाजिल्का में 45 फीट का रावण बना आकर्षण का केंद्र
दशहरे पर भले ही यह नजारा हर वर्ष देखने को मिलता है लेकिन फिर भी लोग हर साल पहले से ज्यादा संख्या में आते हैं।
संवाद सूत्र, फाजिल्का : दशहरे पर भले ही यह नजारा हर वर्ष देखने को मिलता है, लेकिन फिर भी लोग हर साल पहले से ज्यादा संख्या में आते हैं। यह कोई फिल्म नहीं है कि एक या दो बार देखी और बोर हो गए। यह तो जीवन की वो सच्चाई है जिससे सतयुग में भगवान श्रीराम के रूप में अवतार लेकर भगवान विष्णु ने इस संसार को रूबरू करवाया था। इसीलिए हर साल बुराई के प्रतीक रावण पर अच्छाई के रक्षक बनकर आए भगवान राम की जीत का जश्न मनाने हर साल हजारों लोग एकत्रित होते हैं।
इस साल भी फाजिल्का में तीन जगहों पर विजयदशमी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। श्री सेवा समिति राम लीला सभा की ओर से स्थानीय कैंट मार्ग पर आयोजित समारोह में भगवान राम व रावण के बीच दिखाए युद्ध के बाद बुराई के प्रतीक रावण का अंत कर दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि 66 बटालियन के कमांडेंट दिनेश कुमार रहे, जबकि विशेष मेहमान के रूप में तिहाड़ जेल के रिटायर्ड सुपरिटेंडेंट रामचंद्र सारवान, नगर कौंसिल अध्यक्ष सुरेंद्र सचदेवा, सचदेवा अस्पताल के संचालक डा. विजय सचदेवा, संजीवनी अस्पताल के डा. परीक्षित शर्मा शामिल हुए। इसके अलावा समारोह की अध्यक्षता समाजसेवी एडवोकेट सुभाष कटारिया ने की, जबकि दीपक नागपाल का विशेष सहयोग रहा।
वहीं श्री सनातन धर्म सभा द्वारा स्थानीय सरकारी एमआर कालेज के स्टेडियम में दशहरा पर्व मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि क्षेत्रीय विधायक दविदर सिंह घुबाया रहे, जिन्होंने अन्य मेहमानों के साथ मिलकर देर शाम रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों को अग्नि प्रदान की, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में पार्षद पाल चंद वर्मा, प्रमुख समाज सेवी डा. केके ग्रोवर, स्वामी विवेकानंद आइटीआइ के चेयरमैन मनजीत स्वामी, समाज सेवी विपिन गांधी, वाइन कांट्रैक्टर टिकू वधवा, नवीन वधवा, पार्षद एवं आप नेत्री पूजा लूथरा, पटवार यूनियन के जिलाध्यक्ष बंटी पटवारी व सीएम फनीर्चर के संचालक लवली छाबड़ा शामिल हुए। देर सायं निर्धारित समय पर पुतले दहन किए गए। वहीं श्री बाला ली उत्तर रेलवे द्वारा भी नई आबादी में दशहरे कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग दशहरा पर्व देखने के लिए पहुंचे।