तीन पूर्व अधिकारियों ने निगम को 59 लाख का नुकसान पहुंचाया

नगर निगम को भाजपा-अकाली गठबंधन के शासन काल में नई सड़क के पास मार्केट के लिए प्लाट बेचने के प्रकरण में तत्कालीन नगर परिषद व अब नगर निगम के रूप में कार्य कर रहे संस्थान के तीन पूर्व कार्यकारी अधिकारियों ने कथित रूप में 59 लाख का नुक्सान पहुंचाया। इसकी रिपोर्ट स्थानीय निकाय विभाग के प्रमुख सचिव को भेजी गई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 09:56 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 09:56 PM (IST)
तीन पूर्व अधिकारियों ने निगम को 59 लाख का नुकसान पहुंचाया
तीन पूर्व अधिकारियों ने निगम को 59 लाख का नुकसान पहुंचाया

जेएनएन, अबोहर : नगर निगम को भाजपा-अकाली गठबंधन के शासन काल में नई सड़क के पास मार्केट के लिए प्लाट बेचने के प्रकरण में तत्कालीन नगर परिषद व अब नगर निगम के रूप में कार्य कर रहे संस्थान के तीन पूर्व कार्यकारी अधिकारियों ने कथित रूप में 59 लाख का नुक्सान पहुंचाया। इसकी रिपोर्ट स्थानीय निकाय विभाग के प्रमुख सचिव को भेजी गई है।

वित्तीय नुक्सान की जिम्मेवारी तय करने के लिए सचिव ने निगम को पत्र लिखा था। इसके जवाब में भेजे गए विवरण में कहा गया है कि कथित रूप में नीलामी की शर्तों में जाली दस्तावेज तैयार करके तबदीली करने के मामले में पूर्व कार्यकारी अधिकारी भूषण सिंह राणा ने बोली देने वाले रमन कुमार, रामअवतार, हितेष गर्ग उर्फ रोहित गर्ग व चांद कुमार सेतिया को कथित रूप में 54 लाख रुपये, एक अन्य पूर्व कार्यकारी अधिकारी जगसीर सिंह धालीवाल ने रमेश कुमार व उसकी पत्नी मीना रानी को 4 लाख रुपये तथा तीसरे पूर्व कार्यकारी अधिकारी भूषण अग्रवाल ने इसी दंपत्ति को एक लाख रुपये का कथित नाजायज लाभ पहुंचाया। इस बारे में सेवानिवृत नगर परिषद कर्मचारी संघ ने प्रदेश सरकार से लिखित शिकायत करते हुए जांच की मांग की थी। इस प्रकरण की जांच विजिलेंस विभाग, स्थानीय निकाय विभाग व लोकल फंड ऑडिट विभाग द्वारा की गई। इन जांच रिपोर्टों के आधार पर तत्कालीन क्लर्क जसपाल सिंह व तत्कालीन नगर परिषद प्रधान व भाजपा नेता शिवराज गोयल के खिलाफ मामले दर्ज किए गये थे। जसपाल सिंह की दिसंबर माह में मृत्यु हो गई जबकि अदालत में गोयल के विरुद्ध चलान पेश किया जा चुका है। वित्तीय नुक्सान 71 लाख रुपये था जिसमें से 12 लाख रुपये वसूल किये जा चुके हैं। बोलीदाताओं ने 59 लाख रुपये का भुगतान करना है। नगर निगम के आयुक्त अभिजीत कपलिश की ओर से इन सभी को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। छह अक्तूबर को पूर्व कार्यकारी अधिकारियों को सफाई देने के लिए स्थानीय निकाय विभाग ने चंडीगढ़ बुलाया है।

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