हम असत्य पर चलते हैं इसलिए दुखी : अशोकानंद जी
प्रकृति ही सब को बराबर पालती है जीव जंतु हों इंसानों हों सन्यासी हों दानव हो या वनस्पति हो।
संवाद सहयोगी, मंडी गोबिदगढ़ : प्रकृति ही सब को बराबर पालती है जीव जंतु हों, इंसानों हों, सन्यासी हों, दानव हो या वनस्पति हो। हम विश्वास नहीं करते हम सोचते हैं कि ये सब कुछ हम कर रहे हैं। सत्य का पालन करने से हम सभी खुश रहेंगे पर हम सब असत्य पर चलते हैं इसलिए हम सब दुखी रहते हैं। भगवान ने हर चीज जीव को सुखी रखने के लिए बनाई है परंतु हम भगवान पर विश्वास नहीं करते।
यह प्रवचन शुक्रताल वाले पूज्य श्री अशोकानंद सरस्वती महाराज ने दिए। इससे पूर्व श्री कृष्णा मंदिर में चल रही कथा का शुभारंभ श्री हरि कथा सेवा समिति के चेयरमैन प्रकाशचंद गर्ग व शरणदास मित्तल ने विधिवत पूजा अर्चना के बाद श्री गीता मदभागवत गीता का शुभारंभ करवाया।
इस मौके पर कोषाध्यक्ष सज्जन गोयल,सचिव संदीप गोयल, प्रेस सचिव संजय गर्ग, नरिदर भाटिया, दविंदर पराशर, मोती राम सेतिया, सुभाष गोयल, देवीदयाल पराशर, विकास वालिया, नरेंद्र भाटिया, सुरिंदर सिगला शिंदी, शिवम बंसल, अश्विनी भांबरी, आरपी शारदा, कैलाश शर्मा, राधेश्याम गोयल, खन्ना सेठ, शाम लाल, अशोक जलुरिया, विमल गुप्ता, पंडित अमर चंद, रछपल शर्मा, प्यारे लाल गोयल, बालमुकंद अग्रवाल, ओमप्रकाश गुप्ता, सीमा धीर, सुलक्षणा शर्मा आदि भक्त मौजूद थे।