सदा के लिए सूख गया सुरों का सागर
सरदूल सिकंदर के निधन के बाद मानो संगीत जगत में सुरों का एक सागर सदा के लिए सूख गया।
धरमिदर सिंह, खेड़ी नौध सिंह (फतेहगढ़ साहिब)
सरदूल सिकंदर के निधन के बाद मानो संगीत जगत में सुरों का एक सागर सदा के लिए सूख गया। हर प्रकार की गायकी में अपने सुरों के दम पर श्रोताओं को कीलने वाले उस्ताद सरदूल सिकंदर को वीरवार की देर शाम उनके जद्दी गांव खेड़ी नौध सिंह में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस रस्म के दौरान मौजूद कलाकार व गायक भी सरदूल को याद करते हुए अपने आंसू नहीं रोक सके। आवाज के दम पर हकीकत में दुनिया जीतने वाले इस सिकंदर की यादों को ताजा करते हुए आंखों से नीर बह रहा था। अकेले खेड़ी नौध सिंह के लोग ही नहीं, खन्ना समेत आसपास के दर्जनों गांवों के हजारों लोगों समेत जानी मानी शख्शियतों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। विदाई के समय हर आंख नम थी और सुरों के बादशाह को याद करते हुए आत्मिक शांति की दुआएं हो रही थीं। सरदूल के अंतिम दर्शनों के लिए उनके चाहने वाले बेसब्री से उनकी अंतिम यात्रा के रास्ते में इंतजार कर रहे थे। यही कारण रहा कि खन्ना से खेड़ी नौध सिंह तक करीब बीस किलोमीटर का सफर तय करने के लिए अंतिम यात्रा को सात घंटे लगे। पहले उन्हें सुपुर्द-ए-खाक करने का समय बाद दोपहर दो बजे का रखा गया था। अंतिम यात्रा के दौरान जगह जगह पर उनके पार्थिव शरीर पर फूलों की वर्षा से श्रद्धांजलि भेंट की गई। यात्रा में सैंकड़ों गाड़ियों का काफिला शामिल रहा और हजारों लोगों के होने के चलते उन्हें सुपुर्द-ए-खाक करने की रस्में लेट हुईं। यह सरदूल को चाहने वालों का प्यार ही था कि खेड़ी नौध सिंह में आम लोगों के अलावा जानी मानी शख्शियतें भी उन्हें सुपुर्द-ए-खाक करने के लिए कई घंटे गाड़ियों में व उनके घर के बाहर इंतजार करती रहीं। अंतिम यात्रा में ये हुए शामिल
सरदूल सिकंदर की अंतिम यात्रा में गुरदास मान, बब्बू मान, भगवंत मान, हंसराज हंस, मास्टर सलीम, मोहम्मद सदीक, हरभजन मान, कंवल ग्रेवाल, प्रीत हरपाल, सचिन आहुजा, पम्मी बाई, सुरिदर छिदा, हौबी धालीवाल, जसविदर भल्ला, बाल मुकंद शर्मा, नछत्तर गिल, दुर्गा रंगीला, गुरप्रीत घुग्गी, सुखविदर सुक्खी, दर्शन औलख, रौणकी राम, जसवीर जस्सी के अलावा कई अन्य नामी कलाकार व गायक भी शामिल हुए।