श्री रामलीला में वनवास जाने का प्रसंग किया पेश

श्री रामा कृष्णा ड्रामाटिक क्लब की ओर से नगर कौंसिल स्टेज पर की जा रही प्रभु लीला में मंच का शुभारंभ समाजसेवी राजीव अग्रवाल ने किया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 11:57 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 12:45 AM (IST)
श्री रामलीला में वनवास जाने का प्रसंग किया पेश
श्री रामलीला में वनवास जाने का प्रसंग किया पेश

संवाद सहयोगी, सरहिद : श्री रामा कृष्णा ड्रामाटिक क्लब की ओर से नगर कौंसिल स्टेज पर की जा रही प्रभु लीला में मंच का शुभारंभ समाजसेवी राजीव अग्रवाल ने किया। श्री राम लीला के प्रस्तुत किए प्रसंग में जब राजा दशरथ अपनी इच्छा से श्री राम के राज तिलक की घोषणा करते हैं तो इसकी सूचना रानी कैकई को उसकी दासी मंथरा से मिलती है। उसकी बातों में आ रानी का पुत्र मोह जाग उठता है तथा अपने बेटे भरत को राजा देखने की चाह में वह राजा दशरथ से अपने पहले से लिए दो वचन मांगती है, जिसमें भरत को राज तिलक व राम को 14 वर्षों का वनवास। जिस पर राजा दशरथ रघुकुल की मर्यादा निभाते हुए रानी कैकेई को दिए वचनों की लाज रखने के लिए भरत को राज्य तथा श्री राम जी को 14 वर्ष के लिए वनवास की मांग स्वीकार करते हैं। पिता द्वारा माता कैकेई को दिए वचनों की लाज निभाने के लिए प्रभु श्री राम बिना कुछ पूछे राज्य का मोह त्याग 14 वर्ष के लिए जंगलों में वनवास के लिए रवाना हो जाते हैैं। माता सीता अपने स्वामी सेवा के लिए तथा लक्ष्मण जी श्री राम व माता सीता की सेवा के लिए श्री राम के साथ जाने की जिद्द करते हैं जिस पर श्री राम उन्हें भी साथ चलने की आज्ञा देते हैैं। वन को जाने से पहले जब श्री राम सीता जी व लक्ष्मण जी के साथ राजा दशरथ से विदा लेने के लिए पहुंचते है तो तीनों को एक साथ वन में जाता देख विचलित हो उन्हें अपनी नम आंखों से औझल होते देखते रह जाते हैं। इसी तरह सरहिद रोपड़ बस स्टैंड पर जय दुर्गा ड्रामाटिक क्लब द्वारा जारी श्री रामलीला के मंचन के शुरुआत गांव जल्ला के सरपंच दविदर सिंह जल्ला ने करवाई। इस मौके पर क्लब अध्यक्ष आनंद मोहन की ओर से उन्हें सम्मानित भी किया गया।

chat bot
आपका साथी