कैबिनेट मंत्री की घोषणा के बाद भी खामोश रहे नागरा के समर्थक

पंजाब में कांग्रेस हाईकमान द्वारा मुख्यमंत्री के चयन में हुए हाई वोल्टेज ड्रामे से सियासतदानों के साथ-साथ उनके समर्थकों ने भी काफी सबक लिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 12:09 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 12:09 AM (IST)
कैबिनेट मंत्री की घोषणा के बाद भी खामोश रहे नागरा के  समर्थक
कैबिनेट मंत्री की घोषणा के बाद भी खामोश रहे नागरा के समर्थक

धरमिदर सिंह, फतेहगढ़ साहिब : पंजाब में कांग्रेस हाईकमान द्वारा मुख्यमंत्री के चयन में हुए हाई वोल्टेज ड्रामे से सियासतदानों के साथ-साथ उनके समर्थकों ने भी काफी सबक लिया। यही कारण रहा कि शनिवार को पंजाब कैबिनेट में फतेहगढ़ साहिब से विधायक कुलजीत सिंह नागरा का नाम शामिल होने के बाद भी क्षेत्र में उनके समर्थकों में कोई जश्न नहीं मनाया। जब दूसरे जिलों में मंत्री बनने वाले विधायकों के समर्थक ढोल की थाप पर भंगड़े डाल रहे थे तो फतेहगढ़ साहिब में जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के सामने नागरा के कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा। क्षेत्र में किसी समर्थक ने लड्डू नहीं बांटे और जश्न नहीं मनाया। दोपहर के समय बस्सी पठाना में विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी द्वारा कुलजीत सिंह नागरा और खन्ना से विधायक गुरकीरत सिंह कोटली के मंत्री बनने की खुशी में लड्डू बांटने के बाद भी यहां खुशी का माहौल दिखाई नहीं दिया। देर शाम तक नागरा के समर्थक यही कहते रहे कि जो भी सूची मीडिया में दिखाई जा रही है, वो पार्टी की तरफ से नहीं है। पार्टी जब उनके नेता का नाम खुद घोषित करेगी और नागरा उन्हें सूचित करेंगे कि मंत्री पद मिल गया है तब वे जश्न मनाएंगे। देर शाम तक ऐसा ही माहौल रहा। फिर जिलाध्यक्ष सुभाष सूद ने अपने कुछ साथियों संग लड्डू बांटने का फोटो सेशन कराया। यह भी एक सांकेतिक जश्न रहा। इससे कुछ समय पहले सूद ने स्वीकार किया था कि वे नागरा से बातचीत करने के बाद ही जश्न का कोई कार्यक्रम रखेंगे। काका रणदीप का नाम बाहर होने से समर्थक निराश, कर सकते हैं बगावत

वहीं, अमलोह से विधायक काका रणदीप सिंह का नाम मंत्रिमंडल से बाहर होने से उनके समर्थक बेहद निराश हैं। शुक्रवार रात तक काका रणदीप को मंत्री बनाने की चर्चाएं थीं। शनिवार को सामने आई सूची में उनका नाम न होने से विधायक रणदीप खुद भी नाराज हैं। चंडीगढ़ में इसे लेकर फिर से पेंच फंस गया है। काका रणदीप मंत्री पद पर अड़े हुए हैं। वे अपनी सीनियोरिटी का हवाला दे रहे हैं। समर्थकों का भी कहना है कि रणदीप की तीसरी पीढ़ी एक ही पार्टी में रहकर सियासत की विरासत संभाल रही है। वे खुद चार बार विधायक रह चुके हैं। उन्हें मंत्री पद मिलना चाहिए। यदि पार्टी हाईकमान ने काका रणदीप को संतुष्ट नहीं किया तो अमलोह क्षेत्र में बगावत भी हो सकती है। नागरा के लिए पार्टी सर्व प्रथम, पद नहीं

वहीं विधायक कुलजीत सिंह नागरा के करीबियों के अनुसार वे तब तक किसी प्रकार का कोई जश्न नहीं मनाना चाहते जब तक पार्टी हाईकमान उनके मंत्री बनने की घोषणा सार्वजनिक नहीं करेगा। नागरा के लिए पार्टी सर्व प्रथम है, पद नहीं। जश्न न मनाए जाने की वजह यह भी है कि चंडीगढ़ में काका रणदीप सिंह को लेकर फंसे पेंच को सुलझाने में वे अहम रोल अदा कर सकते हैं। इसे लेकर पार्टी हाईकमान विधायक नागरा, काका रणदीप और गुरकीरत सिंह कोटली तीनों की राय से कोई अंतिम फैसला लेना चाहती है।

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