किसानों के सवालों से बचने के लिए नागरा ने खेला इस्तीफा कार्ड : एडवोकेट राय
2022 के चुनाव लड़ने की चर्चा के बाद खुद को किसान नेता कहलाने वाले हलका विधायक कुलजीत सिंह नागरा पर विपक्षी पार्टियों ने सवाल खड़े कर दिए हैं।
संवाद सहयोगी, फतेहगढ़ साहिब : 2022 के चुनाव लड़ने की चर्चा के बाद खुद को किसान नेता कहलाने वाले हलका विधायक कुलजीत सिंह नागरा पर विपक्षी पार्टियों ने सवाल खड़े कर दिए हैं। आम आदमी पार्टी हलका फतेहगढ़ साहिब के इंचार्ज एडवोकेट लखवीर राय ने कहा है कि हलका विधायक कुलजीत सिंह नागरा द्वारा दिए इस्तीफे बारे वह स्टैंड स्पष्ट करें, क्योंकि नागरा इस्तीफा देने के बाद एक वर्ष से सभी सरकारी सुविधाओं का आनंद उठा रहे हैं। वह फतेहगढ़ साहिब में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नागरा ने 17 सितंबर 2020 को कृषि कानूनों के पास होने के समय गवर्नर को इस्तीफा भेजा था, लेकिन ऐसी कौन से मजबूरी है कि नागरा का इस्तीफा मंजूर ही नहीं हुआ।
एडवोकेट राय ने कहा कि गांवों में लोगों के आक्रोष से बचने के लिए नागरा इस्तीफा देने का ड्रामा कर रहे हैं। इसके बाद जब चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री बने थे तो मंत्रिमंडल में नागरा का नाम आ रहा था, परंतु बाद में उनका नाम कट गया। इसके बाद नागरा ने फेसबुक पर लाइव होकर कहा था कि उन्हें किसी तरह के पद की जरूरत नहीं है। उन्होंने किसानी मुद्दे पर इस्तीफा दिया है। इसलिए किसानी अहम मुद्दा है। उन्होंने कहा कि अब नागरा ने गत 16 सितंबर को बाबा बंदा सिंह बहादुर जी के 351वें प्रकाश दिवस मौके करवाए गए प्रदेश स्तरीय समारोह के दौरान चुनाव लड़ने का एलान कर दिया। अब नागरा यह बताए कि तीन कृषि कानून रद हो गए हैं क्या। अगर उन्हें किसी पद या एमएलएशिप की जरूरत नहीं है तो वह फिर चुनाव लड़ने की बात क्यों कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नागरा किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर न चलाए। असलियत यह है कि जब नागरा गांवों में जाते है तो किसानों द्वारा सवाल किए जाते है, जिनके जवाब देने से वह डर रहे है। इस अवसर पर प्रदीप मल्होत्रा, रशपिदर सिंह, अमरिदर सिंह, धरमिदर सिंह लांबा उपस्थित थे।