देश के निर्यात में एमएसएमई का अहम रोल : राकेश
केंद्रीय लघु एवं मध्यम उद्योग के निदेशक सदस्य राकेश गुप्ता ने लुधियाना स्थित एमएसएमई के एडिशनल डायरेक्टर आरके परमार से भेंट की।
संवाद सहयोगी, मंडी गोबिदगढ़ : केंद्रीय लघु एवं मध्यम उद्योग के निदेशक सदस्य राकेश गुप्ता ने लुधियाना स्थित एमएसएमई के एडिशनल डायरेक्टर आरके परमार से भेंट की। राकेश गुप्ता ने बताया कि भारत में कृषि के बाद एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग) सेक्टर में ही सबसे ज्यादा रोजगार मिलता है। साथ ही देश के निर्यात में भी यह सेक्टर बहुत अहम रोल निभाता है, लेकिन कोरोना महामारी का असर जिन सेक्टरों पर सबसे ज्यादा पड़ा है उनमें एमएसएमई प्रमुख है। गुप्ता ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर से जुड़े लोगों का मानना है कि सरकार को टेक सेंटर्स बनाकर वहां लोगों के स्किल्स बेहतर करने, जीएसटी की दर में कटौती करने की कोशिश करनी चाहिए। साथ ही एमएसएमई सेक्टर के लिए लोन की सीमा को भी बढ़ाया जाना चाहिए।
महामारी की वजह से देश के खुदरा और थोक व्यापारियों को हुए नुकसान से उबारने के लिए केंद्र सरकार ने अब देश के खुदरा और थोक व्यापारियों को भी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम में शामिल करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई पूर्व मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण आई दिक्कतों से खुदरा और थोक व्यापारियों पर पड़े असर को ध्यान में रखते हुए अब इसे एमएसएमई के दायरे में लाने का फैसला किया गया है। प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिग के अंतर्गत इस सेक्टर को लाकर आर्थिक सहायता पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। अब खुदरा और थोक व्यापारी भी उद्यम रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। इससे उन्हें आरबीआइ के दिशा-निर्देशों के तहत बैंकों से प्राथमिक क्षेत्र से सस्ता ऋण मिलना सुनिश्चित होगा। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई में शामिल करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। सरकार के इस फैसले से 2.5 करोड़ से अधिक व्यापारियों को इसका लाभ मिलेगा। इस अवसर पर एमएसएमई प्रकोष्ठ पंजाब के सुभाष डावर, जिला फतेहगढ़ साहिब के महामंत्री रविदर सिंह पदम और मंडल उपाध्यक्ष राजन कक्कड़ उपस्थित थे।