निजी अस्पताल को सौंपे तीनों वेंटीलेटर, मरीज को सरकारी खर्च पर मिलेंगे

जिले में एक भी वेंटीलेटर न होने का मुद्दा जनहित याचिका के माध्यम से पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में ले जाने के बाद जिला अस्पताल को तीन वेंटीलेटर संगरूर से अलाट हुए थे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 11:59 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 11:59 PM (IST)
निजी अस्पताल को सौंपे तीनों वेंटीलेटर, मरीज को सरकारी खर्च पर मिलेंगे
निजी अस्पताल को सौंपे तीनों वेंटीलेटर, मरीज को सरकारी खर्च पर मिलेंगे

धरमिदर सिंह, फतेहगढ़ साहिब

जिले में एक भी वेंटीलेटर न होने का मुद्दा जनहित याचिका के माध्यम से पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में ले जाने के बाद जिला अस्पताल को तीन वेंटीलेटर संगरूर से अलाट हुए थे। लेकिन इन वेंटीलेटरों को चलाने की क्षमता सरकारी अस्पतालों के स्वास्थ्य सिस्टम में नहीं होने के कारण अब इन्हें एक प्राइवेट अस्पताल के हवाले कर दिया गया है। पीरजैन स्थित इंडस अस्पताल को वेंटीलेटर दिए गए हैं। लेकिन सरकारी अस्पताल से रेफर होने वाले मरीजों को ये वेंटीलेटर सरकारी खर्च पर मुहैया होंगे।

12 मई को हाई कोर्ट के डबल बेंच के समक्ष याचिका की सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की ओर से पेश हुए एडिशिनल एडवोकेट जनरल प्रदीप बाजवा ने हाई कोर्ट में कहा कि वेंटीलेटर निजी अस्पताल को सौंपे गए हैं। सरकारी अस्पताल से जो भी मरीज, जिसे वेंटीलेटर की जरूरत होगी, रेफर किया जाएगा, उसे उक्त प्राइवेट अस्पताल में वेंटीलेटर के चार्ज नहीं देने पड़ेंगे। बाजवा ने यह भी दलील दी कि केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब को भेजे 80 वेंटीलेटरों में से 71 खराब निकले हैं। जिसके चलते प्रदेश में वेंटीलेटरों की कमी है। इसे जल्द दूर किया जा रहा है। वहीं, सिविल अस्पताल फतेहगढ़ साहिब के एसएमओ डा. कुलदीप सिंह द्वारा हाई कोर्ट में दायर किए एफिडेविट में दलील दी गई कि अस्पताल में आइसीयू नहीं है। स्टाफ की कमी है। उनके दो एनेस्थीसिया डाक्टर राजिदरा अस्पताल पटियाला तैनात किए हुए हैं। पर्याप्त सिस्टम और स्टाफ न होने के कारण अस्पताल में वेंटीलेटर चलाना संभव नहीं है। ऐसे में सिविल अस्पताल में कोरोना लेवल थ्री के मरीजों का इलाज नहीं हो सकता। हाई कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाया कि फिलहाल की स्थिति में मरीजों को बिना चार्ज निजी अस्पताल में वेंटीलेटर मुहैया कराए जा रहे हैं। जिसके चलते याचिका का अंतिम निपटारा किया गया। साथ ही सरकारी पक्ष को यह निर्देश भी दिए कि वेंटीलेटर की जरूरत वाले मरीज को बिना किसी प्रक्रिया के तुरंत रेफर करके उक्त अस्पताल में भेजना पड़ेगा। ऐसे प्रबंध किए जाएं कि मरीज व उसके परिजनों को परेशान न होने पड़े।

दैनिक जागरण ने उठाया था मुद्दा

दैनिक जागरण द्वारा जिले में एक भी वेंटिलेटर न होने का मुद्दा प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद जहां सियासतदान जागे थे वहीं सरहिद के एडवोकेट नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर करते हुए सरकारी नुमाइंदों को कठघरे में खड़ा कर दिया था। सात मई को इस याचिका की सुनवाई पर एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने हाई कोर्ट के समक्ष दावा किया था कि तीन वेंटीलेटर संगरूर से आबंटित करके फतेहगढ़ साहिब भेजे जाएंगे। नौ मई को तीनों वेंटीलेटर जिले में पहुंच गए थे।

सिस्टम सही न चला तो दोबारा जाएंगे हाई कोर्ट : भारद्वाज

याचिका की पैरवी करने वाले एडवोकेट गितिश भारद्वाज ने कहा कि मौजूदा स्थिति में जो आदेश दिए गए हैं उससे मरीजों को वेंटीलेटर की सुविधा देनी होगी। अगर जिले में कोई मरीज परेशान हुआ या वेंटीलेटर मुहैया न कराया गया तो वे जनहित में दोबारा हाई कोर्ट जाएंगे। वेंटिलेटर देने का फैसला उच्च स्तरीय - एसएमओ

एसएमओ डा. कुलदीप सिंह ने कहा कि निजी अस्पताल को वेंटीलेटर देने का फैसला उच्च स्तर पर लिया गया। उन्हें जो आदेश मिले, उनका पालन किया गया है। सिविल अस्पताल में आइसीयू न होने के कारण लेवल थ्री कोरोना मरीजों का इलाज संभव नहीं है। इसलिए यहां से मरीजों को चंडीगढ़ या पटियाला भेजा जा रहा है। जो मरीज इंडस में जाने पर सहमति देगा, उसे वहां रेफर कर दिया जाएगा।

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