माता सीता की खोज में लंका रवाना हुए हनुमान
सरहिद सरहिद नगर कौंसिल स्टेज पर श्रीरामा कृष्णा ड्रामाटिक क्लब द्वारा किए जा रहे मंचन में श्रीराम जी के आदेश पर श्री हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका के लिए रवाना होने का प्रसंग पेश किया गया।
संवाद सहयोगी, सरहिद : सरहिद नगर कौंसिल स्टेज पर श्रीरामा कृष्णा ड्रामाटिक क्लब द्वारा किए जा रहे मंचन में श्रीराम जी के आदेश पर श्री हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका के लिए रवाना होने का प्रसंग पेश किया गया। इससे पहले रावण द्वारा माता सीता के हरण के बाद जब माता सीता की खोज में प्रभु राम जी व लक्ष्मण जी माता शबरी के पास भी जाते हैं। जहां प्रभु भक्ति में लीन माता शबरी यह भी भूल जाती है कि वह प्रभु को अपने ही जूठे बेर खिला रही है। प्रभु श्रीराम भी भक्ति में लीन माता शबरी के जूठे बेर बड़े ही प्रेम से खाते हैं। जिसके बाद श्रीराम जी का हनुमान जी से मिलना तथा सुग्रीव मित्रता के बाद बाली वध की मृत्यु का प्रसंग पेश किया गया। अपनी मौत से पहले बाली अपने जीवन की कामना न करते हुए प्रभु श्रीराम के हाथों मरना स्वीकार करते हैं तथा आखिरी इच्छा के तौर पर अपने पुत्र अंगद को उन्हें अपनी शरण में लेने का आग्रह करते हैं, जिसे प्रभु श्रीराम स्वीकार करते हैं।