कोरोना ने रोकी हज यात्रा, रोजा शरीफ के खलीफा बोले- घरों पर रहकर करें COVID19 के खात्मे की दुआ
मुस्लिम समुदाय की सबसे बड़ी धार्मिक हज यात्रा पर भी कोरोना ने रोक लगा दी है। इस महामारी के चलते अब पंजाब के 400 श्रद्धालु हज यात्रा पर नहीं जा सकेंगे।
जेएनएन, सरहिंद [फतेहगढ़ साहिब]। मुस्लिम समुदाय की सबसे बड़ी धार्मिक हज यात्रा पर भी कोरोना ने रोक लगा दी है। इस महामारी के चलते अब पंजाब के 400 श्रद्धालु हज यात्रा पर नहीं जा सकेंगे। फतेहगढ़ साहिब में रोजा शरीफ के खलीफा सैय्यद मोहम्मद सादिक रजा मुज्जद्दी ने कहा कि निराश होने के बजाय अल्लाह की खुशी हासिल करने के लिए घरों पर रहकर कोरोना के खात्मे की दुआ की जाए।
खलीफा ने बताया कि हर वर्ष जुलाई में विश्वभर से हज यात्री सऊदी अरब स्थित मक्का मदीना पहुंचते हैं। इस बार पंजाब से 400 श्रद्धालुओं को हज यात्रा के लिए इजाजत मिल गई थी, लेकिन कोरोना के चलते सऊदी अरब और भारत दोनों देशों की सरकारों ने यात्रा पर रोक लगा दी है। उन्होंने सरकार से अपील की कि अगली बार इन श्रद्धालुओं को यात्रा पर जाने की पहल दी जाए, ताकि इन्हें दोबारा लंबी प्रक्रिया का सामना न करना पड़े।
तीन से चार लाख रुपये आता है एक श्रद्धालु का खर्च
खलीफा ने बताया कि जिस श्रद्धालु को हज यात्रा पर जाने का अवसर मिलता है, उसे सौभाग्यशाली माना जाता है। इस यात्रा पर एक श्रद्धालु का खर्च लगभग तीन से चार लाख रुपये आता है। उन्होंने श्रद्धालुओं की प्रक्रिया पर खर्च हुए रुपये बिना कटौती वापस करने पर सरकार का आभार भी जताया।
बता दें, कहा जाता है कि हज का रिश्ता 7वीं शताब्दी से इस्लामी पैगंबर मुहम्मद के जीवन के साथ जुड़ा हुआ है, लेकिन कुछ लोग मानते हैं कि मक्का से जुड़ी ये तीर्थयात्रा की रस्म हजारों सालों से यानि कि इब्राहिम के समय से चली आ रही है। लाखों लोगों इसमें शामिल होते हैं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण यात्रा पर असर पड़ा है।
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