निगम कर्मियों के फर्जी आइकार्ड व सेलरी स्लिप लगाकर लिया लोन

सरकारी कर्मचारियों को लोन देने में बैंक अफसर ज्यादा आनाकानी नहीं करते और उन्हें बिना जांच के ही लोन दे देते हैं। ठगों ने अब बैंकों से लोन लेने के लिए सरकारी कर्मचारियों के दस्तावेजों का सहारा लेना शुरू कर दिया है।

By Edited By: Publish:Sun, 06 Dec 2020 02:00 AM (IST) Updated:Sun, 06 Dec 2020 02:00 AM (IST)
निगम कर्मियों के फर्जी आइकार्ड व सेलरी स्लिप लगाकर लिया लोन
सरकारी कर्मचारियों को लोन देने में बैंक अफसर ज्यादा आनाकानी नहीं करते।

जागरण संवाददाता, लुधियाना : सरकारी कर्मचारियों को लोन देने में बैंक अफसर ज्यादा आनाकानी नहीं करते और उन्हें बिना जांच के ही लोन दे देते हैं। ठगों ने अब बैंकों से लोन लेने के लिए सरकारी कर्मचारियों के दस्तावेजों का सहारा लेना शुरू कर दिया है। ऐसा ही एक मामला अब सामने आया है जिसमें नगर निगम के कर्मचारियों के फर्जी दस्तावेज लगाकर बैंक से लोन ले लिया। ठगों ने बैंक से लोन लेकर वापस नहीं किया तो बैंक अफसर रिकवरी के लिए निगम दफ्तर पहुंच गए और उन्होंने लोन वापस न करने वाले कर्मचारियों की सूची निगम अफसरों को सौंपी। निगम अफसरों ने जब सूची में शामिल नामों की जांच की तो पता चला कि सूची में से आधे लोग तो नगर निगम के मुलाजिम ही नहीं हैं। यह मामला सामने आने पर मेयर बलकार ¨सह संधू ने बताया कि वह इस मामले की जांच करवाएंगे। बैंक अफसर नगर निगम जोन बी में पहुंचे और उन्होंने जोनल कमिश्नर को लोन लेने वाले 60 कर्मचारियों की सूची दी। बैंक अफसरों ने बताया कि इन सभी लोगों ने नगर निगम की तरफ से जारी आइकार्ड की कापी दी है और साथ में निगम की तरफ से दी गई सेलरी स्लिप की कापी भी जमा करवाई और उसके आधार पर उन्हें लोन दिया। बैंक अफसरों की तरफ से दी गई सूची की जांच की गई तो पता चला कि 60 में से 30 लोग नगर निगम के कर्मचारी ही नहीं हैं। यह मामला अब निगम कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल व मेयर बलकार ¨सह संधू के पास पहुंच गया है। मेयर बलकार ¨सह संधू ने बताया कि यह मामला बेहद गंभीर है और इस मामले की अब गंभीरता से जांच की जाएगी।

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