मंडी गो¨बदगढ़ में कंडा चोरी से ट्रांसपोर्टर परेशान
मंडी गो¨बदगढ़ लोहा नगरी मंडी गो¨बदगढ़ में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों से तैयार माल तोलने के लिए करीब हर रोड पर खुले कंप्यूटर कांटों पर लोहे का वजन कम तोले जाने को लेकर जहां लोहा व्यापारी परेशान हैं, वहीं अब ट्रांस्पोर्टर भी कंडा चोरी से दुखी हो चुके हैं। दुखी ट्रांस्पोटरों ने एसडीएम अमलोह आनंद सागर शर्मा को मांग पत्र सौंप धर्म काटों पर कार्रवाई की मांग की है। एसडीएम से मांग की गई है कि धर्म काटों से उनके ट्रक चालकों की लूट की जा रही है, जिसका खमियाजा ट्रांस्पोर्टर को भुगतना पड़ रहा है।
लखवीर ¨सह लक्की, मंडी गो¨बदगढ़
लोहा नगरी मंडी गो¨बदगढ़ में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों से तैयार माल तोलने के लिए करीब हर रोड पर खुले कंप्यूटर कांटों पर लोहे का वजन कम तोले जाने को लेकर जहां लोहा व्यापारी परेशान हैं, वहीं अब ट्रांस्पोर्टर भी कंडा चोरी से दुखी हो चुके हैं। दुखी ट्रांस्पोटरों ने एसडीएम अमलोह आनंद सागर शर्मा को मांग पत्र सौंप धर्म काटों पर कार्रवाई की मांग की है। एसडीएम से मांग की गई है कि धर्म काटों से उनके ट्रक चालकों की लूट की जा रही है, जिसका खमियाजा ट्रांस्पोर्टर को भुगतना पड़ रहा है। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के वाइस चेयरमैन नितिन सूद ने बताया कि गो¨बदगढ़ के कंप्यूटर कांटों पर माल की तोल-तुलाई समय पर वजन में बड़ा अंतर आ रहा है, क्योंकि व्यापारी माल का वजन घटने पर ट्रक के भाड़े में से उनकी मेहनत के पैसे काट कर घटे माल की कीमत वसूल लेता है जो ट्रक चालक के साथ सरासर धक्का है। उन्होंने अपने तौर पर शहर के कई धर्म कांटों की तोल तुलाई करवाई, जिस दौरान अलग-अलग कांटों पर माल के वजन में 70 से 100 किलो तक का फर्क आ रहा है। हमारे पास सभी प्रूफ हैं और एक गाड़ी के पीछे हजार का नुकसान हो रहा है। इतनी कमाई पूरे दिन में नहीं होती जितनी लूट कांटों की तोल-तुलाई से हो रही है। कई बार ट्रकों की किश्त निकालनी भी मुश्किल हो जाती है। इस मौके एसोसिएशन के चेयरमैन हरमोहन ¨सह गरेवाल, महासचिव परवीन कुमार, उप प्रधान मनदीप ¨सह, सिकंदर ¨सह, गुरदीप ¨सह, जगजीवन ¨सह, सहायक कोषाध्यक्ष सुशील कौशिक, सुख¨जदर ¨सह, सिमरनजीत ¨सह, दर्शन ¨सह धालीवाल और बुद्ध राम मौजूद थे।
धर्म कांटों के बाहर लग सकता है धरना
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने स्थानीय प्रशासन व उन सभी धर्म कांटा संचालकों को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने अपनी नियत और नीति में बदलाव ना किया तो बिना प्रशासन की अनुमति लिए कांटे के समक्ष रोष धरना लगाया जा सकता है।