पूसा डी कंपोजर के परीक्षण नहीं हो रहे सफल : डा. वालिया

मुख्य जिला कृषि अफसर डा. सुरजीत सिंह वालिया ने कहा कि फसलों के अवशेषों को कई तरीकों से संभाला जा सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 07:38 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 07:38 PM (IST)
पूसा डी कंपोजर के परीक्षण नहीं हो रहे सफल : डा. वालिया
पूसा डी कंपोजर के परीक्षण नहीं हो रहे सफल : डा. वालिया

संवाद सहयोगी, फतेहगढ़ साहिब : मुख्य जिला कृषि अफसर डा. सुरजीत सिंह वालिया ने कहा कि फसलों के अवशेषों को कई तरीकों से संभाला जा सकता है। जैसे कि सुपर सीडर और हैप्पी सीडर का प्रयोग कर खड़े नाड़ में गेहूं की बिजाई करना, बेलर चलाकर गांठें बनानी और पराली को डी-कंपोज करना शामिल है। उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा लगातर गांवों के दौरे कर किसानों को तकनीकी जानकारी दी जा रही है ताकि बिजाई के दौरान किसानों को कोई समस्या न आए।

डा. वालिया ने बताया कि जिले के ब्लाकों में पूसा डी कंपोजर के ट्रायल लगवाए हैं। इसी कड़ी तहत मंगलवार को गांव बधौछी कलां के किसान सुरिदरपाल सिंह के खेत का जायजा लिया। यहां पूसा डी कंपोजर का स्प्रे खेत में पराली को डी कंपोज करने के लिए 12 दिन पहले करवाया था। पूसा डी कंपोजर द्वारा पराली और फसलों के अवशेषों को खेत में मिलाकर खाद तैयार की जाती है, जोकि जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ाती है। लेकिन, पूसा डी कंपोजर का परीक्षण पूरी तरह कामयाब होता नजर नहीं आ रहा। इस परीक्षण में आई समस्याओं संबंधी भी किसान से विचार विमर्श किया गया।

डा. वालिया ने कहा कि पराली को खेतों में मिलाने के लिए पूसा डी कंपोजर के अन्य परीक्षण करने की जरूरत है ताकि किसानों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। वहीं सुरिदरपाल सिंह ने बताया कि डी कंपोजर द्वारा पराली को खेत में मिलाना लंबी विधि है। गेहूं की बिजाई के सीजन दौरान समय कम होने के कारण यह कामयाब नहीं हो रही। इस संबंधी और खोज करने की जरूरत है। इस अवसर पर डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर डा. हरमनजीत सिंह, उप प्रोजेक्ट अफसर डा. जितेंद्र सिंह उपस्थित थे।

chat bot
आपका साथी