दीपक की सूझबूझ से लुटेरों को क्रेटा छोड़ भागना पड़ा

फतेहगढ़ साहिब सामने से कोई रिवाल्वर तान ले तो दिमाग में कुछ सूझना तो दूर सांस से सांस मिलना मुश्किल हो जाता है। लेकिन मंडी गोबिदगढ़ के गांधी नगर में रहने वाले कपड़ा व्यापारी दीपक कुमार ने अपनी सूझबूझ से हथियारबंद लुटेरों को उनके मनसूबों में सफल नहीं होने दिया। जब इन लुटेरों ने दीपक पर रिवाल्वर तान रखे थे तभी सबसे पहले उसने अपना आई-फोन निकालकर सीट के नीचे फेंक दिया और चलती गाड़ी में से चाबी निकालकर अपनी जेब में डाल ली। इसके चलते लुटेरे गाड़ी बंद होने के कारण उसे फिर से स्टार्ट नहीं कर पाए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 05 Nov 2019 06:15 PM (IST) Updated:Tue, 05 Nov 2019 06:15 PM (IST)
दीपक की सूझबूझ से लुटेरों को क्रेटा छोड़ भागना पड़ा
दीपक की सूझबूझ से लुटेरों को क्रेटा छोड़ भागना पड़ा

धरमिदर सिंह, फतेहगढ़ साहिब

सामने से कोई रिवाल्वर तान ले तो दिमाग में कुछ सूझना तो दूर, सांस से सांस मिलना मुश्किल हो जाता है। मगर, मंडी गोबिदगढ़ के गांधी नगर में रहने वाले कपड़ा व्यापारी दीपक कुमार ने अपनी सूझबूझ से हथियारबंद लुटेरों को उनके मनसूबों में सफल नहीं होने दिया। जब इन लुटेरों ने दीपक पर रिवाल्वर तान रखे थे, तभी सबसे पहले उसने अपने दो मोबाइल फोन में से आइ-फोन निकालकर अपनी क्रेटा गाड़ी की सीट के नीचे फेंक दिया और स्टार्ट गाड़ी में से चाबी निकालकर अपनी जेब में डाल ली। यह सब दीपक ने पांच सेकंड में किया। इसके बाद लुटेरे उसकी जांघ पर किरच मारकर सोने की चेन झपट उसे बाहर गिराकर उसकी क्रेटा गाड़ी लेकर राजपुरा से सरहिद की तरफ फरार हो गए। गाड़ी में सेंसर सिस्टम होने के कारण यह बात यकीनी थी कि जहां भी गाड़ी बंद होगी, वहां वह दोबारा बिना चाबी के स्टार्ट नहीं होगी। वहीं दीपक का सीट के नीचे फेंका आइ-फोन स्टीरियो से अटैच था। लुटेरों ने स्टीरियो पर भी घूंसे मारकर उसे तोड़ा हुआ था।

माना जा रहा है कि बार-बार फोन की घंटी बजने पर आवाज स्टीरियो में आ रही होगी। खुद की ट्रैपिग से डरते हुए लुटेरों ने स्टीरियो तोड़ने की कोशिश की होगी। वहीं पुलिस और माहिरों का मानना है कि लुटेरे जब गाड़ी लेकर फरार हुए, तो माधोपुर बायपास पर या तो ड्राइवर बदलने या किसी अन्य वजह से गाड़ी बंद हो गई होगी। जिसके बाद गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई, तो लुटेरे दूसरी गाड़ी में फरार हो गए।

क्रेटा गाड़ी से मिले फिगर प्रिटों से यह भी सामने आया है कि लुटेरों ने पूरी गाड़ी की तलाशी ली। गाड़ी की डिक्की भी खोली गई थी। ड्राइवर व बगल वाली सीट की खिड़कियों से भी दो अलग-अलग फिगर प्रिट मिले हैं।

उधर, दीपक ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि अगर वह चाबी न निकालता, तो उसे अपनी गाड़ी दोबारा न मिलती। चाबी निकालने के कारण गाड़ी जहां भी बंद हुई, लुटेरों को वहीं छोड़नी पड़ी। रातभर गाड़ी का सेंसर सिस्टम चालू रहा। जिस कारण मंगलवार को गाड़ी चाबी से भी स्टार्ट नहीं हो सकी। बैटरी चार्ज करने के बाद गाड़ी स्टार्ट हो सकी।

---------------

क्षेत्र के भेदी हैं लुटेरे

लुटेरे नेशनल हाईवे से क्रेटा गाड़ी छीनने के बाद जिस तरीके से माधोपुर बायपास वाली सड़क से होकर आगे जाना चाहते थे, उसे देखते हुए पुलिस भी इस बात पर मोहर लगा रही है कि लुटेरे क्षेत्र के भेदी हैं। जिस रास्ते से लुटेरे फरार हुए, वहां पर रेलवे फाटक भी हैं। रेलवे फाटकों से पहले एक सड़क सरहिद से होकर चंडीगढ़ को निकलती है, जिससे केवल वही वाकिफ हैं, जो यहां आते-जाते रहते हैं।

chat bot
आपका साथी