इंसानियत शर्मसार, अंतिम संस्कार के लिए कूड़ेदान में रखकर शवों को पहुंचा जा रहा श्मशान
पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में बेहद शर्मनाक मामला आया है। यहां शवों को अंतिम संस्कार के लिए कूड़ेदान में ले जाने का खुलासा हुआ है।
फतेहगढ़ साहिब, [धरमिंदर सिंह]। इंसान सारी जिंदगी पैसे और इज्जत इस उम्मीद में कमाता है कि मरने के बाद उसे इज्जत से दो गज जमीन मिलेगी। लेकिन, यहां तो मरने के बाद शवों को कूड़ेदान में श्मशानघाट पहुंचाया जा रहा है। सरहिंद नगर कौंसिल की इस कार्यप्रणाली से इंसानियत शर्मसार हो गई है। यहां लावारिस शवों की यह दुर्गति पिछले 25 वर्षों से हो रही है। शवों का अंतिम संस्कार भी अमर्यादित ढंग से किया जाता है।
सरहिंद नगर कौंसिल पिछले 25 वर्षों से कर रही शवों की दुर्गति, विवादों में घिरी कार्यप्रणाली
तीन दिन पहले कोटला भाइका गांव के पास ट्रेन से गिरकर एक यात्री की मौत हो गई। 72 घंटे में पहचान न होने के कारण जीआरपी सरहिंद के एएसआइ जगदेव सिंह ने सिविल अस्पताल फतेहगढ़ साहिब में पोस्टमार्टम करवाने के बाद लावारिस शव को नगर कौंसिल के हवाले कर दिया।
एएसआइ के सामने ही नगर कौंसिल के कर्मचारी मोर्चरी रूम के पास से शव को कूड़ेदान में रखकर गोशाला सरहिंद के नजदीक श्मशानघाट ले गए। श्मशानघाट में तीन कर्मियों ने शव को ऐसे उठाया, जैसे कोई बोरी उठा रहे हों, फिर कोई भी रीति रिवाज किए बगैर ही अंतिम संस्कार कर दिया।
अब तक 40 शवों का अमर्यादित ढंग से किया अंतिम संस्कार
शवों की दुर्गति और अमर्यादित रूप से अंतिम संस्कार को लेकर जब सफाई सेवक शीला व ड्राइवर बलदेव सिंह से पूछा तो उन्होंने कहा कि 25-26 वर्षों से ऐसे ही शव लेकर आते हैं। कभी ट्राली में शव में तो कभी कूड़ेदान में। इसी तरह अब तक टीम करीब 40 शवों का अंतिम संस्कार कर चुकी है। टीम को भेजने वाले सफाई सेवक गोल्डी ने कहा कि ट्रॉली सुल्तानपुर लोधी गई थी, इसलिए कूड़ेदान वाली गाड़ी भेजनी पड़ी। उधर, सरहिंद के जीआरपी प्रभारी चरणदीप सिंह ने कहा कि शव को नगर कौंसिल के हवाले करने के बाद हमारी जिम्मेदारी खत्म हो जाती है। अगली जिम्मेदारी उनकी होती है।
शवों की दुर्गति मानवाधिकार हनन का मामला : रंजन
वर्ल्ड ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन कौंसिल के चेयरमैन रंजन लखनपाल ने कहा कि शवों की दुर्गति मानवाधिकारों का हनन है। अगर कहीं पर कूड़ेदान या खुले वाहनों में लावारिस शवों को ले जाया जाता है तो यह बिल्कुल ही गलत है। हमारी संस्था इसका कड़ा संज्ञान लेगी।
जांच करवा कर व्यवस्था को बदला जाएगा : डीसी
फतेहगढ़ साहिब के डिप्टी कमिश्नर डॉ. प्रशांत कुमार गोयल ने कहा कि यह मामला चिंताजनक है। शवों को कूड़ेदान में डालकर श्मशानघाट नहीं ले जाना चाहिए। शवों की दुर्गति नहीं होनी चाहिए। इस मामले की जांच कराई जाएगी और व्यवस्था को तुरंत बदला जाएगा।
ऐसे रखा जाना चाहिए शव
- डिस्पोजल पॉलीबैग में सील करना चाहिए।
- एंबुलेंस या बंद वाहन में ही शव ले जा सकते हैं।
-घटनास्थल पर शव को सील करने के बाद डिस्पोजल बॉडी बैग्स में रखना होता है।
-संक्रमण से बचने के लिए शव को सील करते वक्त हैंड ग्लब्स व मॉस्क का इस्तेमाल करना चाहिए।