बेटियों का फर्ज निभाना है, पिता का रोजगार बचाना है...

अब इन विधेयकों के खिलाफ किसानों की बेटियां भी संघर्ष के मैदान में उतर आई हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 05:22 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 05:11 AM (IST)
बेटियों का फर्ज निभाना है, पिता का रोजगार बचाना है...
बेटियों का फर्ज निभाना है, पिता का रोजगार बचाना है...

धरमिदर सिंह, फतेहगढ़ साहिब : कृषि विधेयकों के खिलाफ अकेले किसान वर्ग में ही रोष और गुस्से की लहर नहीं है। अब इन विधेयकों के खिलाफ किसानों की बेटियां भी संघर्ष के मैदान में उतर आई हैं। फतेहगढ़ साहिब में बीटेक करने वाली दो छात्राओं ने पहल करते हुए अन्य किसानों, आढ़तियों व अनाज मंडी में फसल खरीद से जुड़े लोगों के परिवारों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। ट्रैक्टर चलाकर दोनों छात्राएं इलाके में किसान परिवारों की महिलाओं को एक मंच पर एकत्रित करने का प्रयास कर रही हैं। बस्सी पठाना के किसान जतिदरपाल सिंह की बेटी तरणप्रीत कौर काहलों और ठेकेदार बलवंत सिंह की बेटी सिमरन कौर काहलों माता गुजरी कॉलेज में बीटेक की छात्राएं हैं। तरणप्रीत और सिमरन ने पंजाब बंद से पहले दो दिन लगातार इलाके में ट्रैक्टर रैली शुरू की। रैली के दौरान वे लोगों को पंजाब बंद का समर्थन करने की अपील कर रही हैं। इस संघर्ष के दौरान लड़कियों को जागरूक करने के लिए उनका संदेश है कि बेटियों का फर्ज निभाना है, पिता का रोजगार बचाना है...।

25 सितंबर को वे महिलाओं व लड़कियों को साथ लेकर ट्रैक्टर रैली निकालेंगी। तरणप्रीत कौर ने कहा कि कृषि विधेयकों से पंजाब की किसानी बिल्कुल खत्म हो जाएगी। केंद्र का मकसद पंजाब को देश का कृषि प्रधान प्रदेश नहीं रहने देना है। इसलिए देश भर के किसानों को निजी कंपनियों को बेचा जा रहा है। इसलिए उन्होंने फैसला लिया कि वे अकेले किसानों को नहीं,बल्कि किसानों के परिवारों और उनसे जुड़े हर वर्ग के घरों तक पहुंच करके महिलाओं का प्लेटफार्म भी तैयार करेंगी। आने वाले दिनों में जरूरत पड़ी तो पंजाब की महिलाएं व लड़कियां इकट्ठे होकर संसद का घेराव करेंगी। उधर, बस्सी पठाना से विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी ने बेटियों के हौसले की सराहना करते हुए कहा कि देश को बचाने के लिए ऐसा जजबा हर युवती व महिला में भी होना चाहिए। क्योंकि, नारी शक्ति से किसी भी जंग को जीतना आसान हो जाता है।

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